अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़
दन्या व धौलादेवी क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था सुधारने को उत्तराखंड छात्र संगठन का जिलाधिकारी को ज्ञापन
अल्मोड़ा। उत्तराखंड छात्र संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी आलोक पांडे से मुलाकात कर दन्या और धौलादेवी क्षेत्र की शिक्षा संबंधी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया, तो उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
राजकीय महाविद्यालय दन्या की दुर्दशा और धौलादेवी क्षेत्र में शिक्षा की कमजोर स्थिति पर चिंता जताते हुए संगठन की संयोजक सोना खनी और अल्मोड़ा इकाई की संयोजक भावना पांडे के नेतृत्व में लगभग एक दर्जन छात्रों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि दन्या महाविद्यालय में दूर-दराज़ के गांवों से आने वाले छात्र-छात्राओं को बुनियादी सुविधाओं का अभाव झेलना पड़ रहा है। न तो पर्याप्त बैठने की व्यवस्था है, न ही पुस्तकालय में पुस्तकें उपलब्ध हैं। छात्रावास न होने के कारण छात्रों को रोजाना लंबी दूरी तय कर महाविद्यालय पहुंचना पड़ता है, जिससे समय और आर्थिक दोनों तरह की परेशानी होती है।
छात्रों ने बताया कि कॉलेज भवन का निर्माण वर्षों से अधूरा पड़ा है, जिससे शिक्षण कार्य में बाधा आ रही है। उन्होंने सरकार से मांग की कि भवन निर्माण कार्य को तत्काल पूरा कराया जाए। इसके साथ ही कॉलेज में विज्ञान वर्ग की प्रयोगशाला का निर्माण, ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया की सुविधा, 75% उपस्थिति की अनिवार्यता में छूट जैसे मांगों को भी ज्ञापन में शामिल किया गया।
प्रतिनिधिमंडल ने विषयवार स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति और पिछले सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम की घोषणा जल्द करने की भी मांग की। उनका कहना था कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्र पहले ही संसाधनों के अभाव में जूझ रहे हैं, ऐसे में 75% उपस्थिति की अनिवार्यता से पहले उनकी परिस्थितियों पर विचार करना आवश्यक है।
छात्रों ने यह भी कहा कि वे शिक्षा को व्यापार बनाने की नीति का विरोध करते हैं और चाहते हैं कि हर छात्र को समान व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
ज्ञापन सौंपने वालों में सोना खनी, कविता बोरा, प्रियंका, भावना पांडे, हेमा, विनीता, दीपांशु पांडे, सोनी मेहता, मयंक कुमार, मुस्कान कैड़ा आदि शामिल थे।
