अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़
मई दिवस पर मजदूर संगठनों ने दिखाई एकजुटता, ठेका व संविदा कर्मियों के हक में उठी आवाज
अल्मोड़ा। अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस के अवसर पर गांधी पार्क, अल्मोड़ा में विभिन्न श्रमिक संगठनों, संविदा कर्मियों, ठेका श्रमिकों और मानदेय पर कार्यरत कर्मचारियों की एक संयुक्त सभा आयोजित की गई। मई दिवस आयोजन समिति के संयोजक और उत्तराखंड मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चंद्र मणि भट्ट की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा में वक्ताओं ने मजदूरों के अधिकारों और समस्याओं को मजबूती से उठाया।
सभा को संबोधित करते हुए उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा कि सरकार की जनविरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों से आम जनता त्रस्त है। सरकारी नौकरियों में कटौती कर युवाओं को ठेका और संविदा पर आधारित अस्थायी नौकरियों में धकेला जा रहा है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, भोजनमाताओं और ठेका श्रमिकों की बदहाल स्थिति को उजागर किया और सरकार से समाधान की मांग की।
राज्य आंगनबाड़ी संगठन की उपाध्यक्ष सुनीता तिवारी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों को सम्मानजनक मानदेय नहीं मिल रहा है और समय पर भुगतान न होने से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मानदेय हटाकर न्यूनतम वेतन 25,000 रुपये प्रतिमाह निर्धारित करने की मांग की।
एडवोकेट जीवन चंद्र ने मज़दूर दिवस का इतिहास बताते हुए सरकार पर मजदूरों के शोषण का आरोप लगाया, जबकि उपपा के महासचिव नारायण राम ने रोजगार की कमी और युवाओं की हताशा को लेकर सरकार की नीतियों की आलोचना की।
सभा में जनवादी नौजवान सभा, जनवादी महिला संगठन और सीटू जैसे संगठनों ने भी एकजुटता का संदेश दिया। वक्ताओं ने मजदूरों का शोषण रोकने, पारिश्रमिक में सुधार, स्थायी रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की मांग करते हुए संगठनों से एक मंच पर आने का आह्वान किया।
इस अवसर पर कई संगठनों के प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और मज़दूर एकता के नारों के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
