मुख्यमंत्री सीमांत विकास योजना के तहत डुन्डू गांव में स्थापित हुआ पहला गुड़ निर्माण संयंत्र
पिथौरागढ। सीमांत विकास खंड कनालीछीना की दूरस्थ ग्राम पंचायत डुन्डू में जैविक गुड़ निर्माण का पहला आधुनिक संयंत्र आज शुरु कर दिया गया है। कई प्रगतिशील काश्तकारों की उपस्थिति में कनालीछीना की क्षेत्र प्रमुख सुनीता महिमन कन्याल ने इस संयंत्र का विधिवत उद्घाटन किया।
डुन्डू गांव निवासी पूर्व सूबेदार सुन्दर सिंह अन्ना बिष्ट की पहल पर डेब्यू, मलान, कानाधार समेत सात ग्राम पंचायतों में उन्नत किश्म के गन्ने का उत्पादन पिछले कुछ वर्षों से किया जा रहा है। सेना से लौटते ही सुन्दर सिंह ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ स्थानीय कृषि और पशुपालन को बढ़ाने का अभियान संचालित कर दिया। इस अभियान में पूर्व सैनिक कैप्टन लालसिंह मेहता, कैप्टन जोगा सिंह रावल, सूबेदार केशवदत्त मखौलिया, काश्तकार भूपेंद्र सिंह बोरा आदि का सहयोग मिला इस टीम ने सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर कृषि, बागवानी विशेषज्ञों की सहायता ली और ग्रामीणों को आजीविका सुधार हेतु प्रोत्साहित किया। नतीजतन जिला प्रशासन ने डुन्डू गांव में 15 लाख रुपए मूल्य की गुड़ निर्माण इकाई स्वीकृत कर दी। इस अवसर पर क्षेत्र प्रमुख सुनीता महिमन कन्याल ने कनालीछीना विकासखंड के गांवों में गन्ना उत्पादन और विपणन के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि गन्ने की खेती को बंदर, सेही, सुंवर नुकसान नहीं करता और यह बहुउपयोगी, लाभकारी खेती है। प्रेरक सुन्दर सिंह अन्ना ने बताया कि क्षेत्र के बारह सौ परिवार गन्ना उत्पादन के जरिए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैं।
उद्घाटन समारोह में मनरेगा लोकपाल जगदीश कलौनी, खंड विकास अधिकारी जगदीश प्रसाद, ग्राम्या प्रतिनिधि आशीष पुनेठा, आजीविका सुधार परियोजना के जितेंद्र तिवारी, महेश पांडेय, साहित्यकार प्रकाश पुनेठा, दिनेश अवस्थी, सुन्दर सिंह आदि ने इस अभिनव प्रयोग की सराहना की।