देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने अवैध रूप से संचालित मदरसों पर शिकंजा कसते हुए राज्य भर में इनकी जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस ने प्रदेश में सभी मदरसों का वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है। साथ ही मदरसों में हो रही अवैध फंडिंग और बाहरी राज्यों के बच्चों के पढ़ने पर भी गहनता से जांच की जा रही है।
आईजी व पुलिस प्रवक्ता उत्तराखंड डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में मदरसों की जांच की जा रही है। इस दौरान यह देखा जा रहा है कि कोई भी मदरसा बिना पंजीकरण के तो नहीं चल रहा है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि मदरसों में कौन-कौन से लोग पढ़ा रहे हैं और इनके पास क्या योग्यता है।
जिला स्तर पर समिति का गठन
इस जांच को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में पुलिस के साथ-साथ शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हैं। यह समिति सभी मदरसों का निरीक्षण करके एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
क्यों हो रही है जांच
राज्य सरकार का मानना है कि कुछ मदरसे अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं और इनमें देश विरोधी गतिविधियां हो रही हैं। इसके अलावा, कुछ मदरसों में बाहरी राज्यों के बच्चों को भी पढ़ाया जा रहा है, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। इन सभी कारणों से सरकार ने यह फैसला लिया है कि सभी मदरसों की जांच की जाए।
जांच के दौरान क्या-क्या होगा
* सभी मदरसों का पंजीकरण और लाइसेंस की जांच
* मदरसों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम की जांच
* मदरसों में शिक्षकों की योग्यता की जांच
* मदरसों में आने वाले बच्चों की पहचान और उनके माता-पिता की जानकारी
* मदरसों में हो रही फंडिंग की जांच
इस जांच का उद्देश्य
* अवैध मदरसों को बंद करना
* मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना
* बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
* राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखना
यह जांच राज्य सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी और बच्चों के हितों की रक्षा होगी।