देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने शीतकाल में भी चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को शीतकालीन यात्रा की तैयारियों के निर्देश दिए।
सीएम धामी ने कहा कि केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए यात्रा शुरू की जाएगी। इन स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के होटलों में ठहरने पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शीतकालीन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएं। वे स्वयं अगले सप्ताह शीतकालीन प्रवास स्थलों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे।
शीतकाल में कहां होती है पूजा?
शीतकाल में चारधामों की पूजा-अर्चना उनके शीतकालीन प्रवास स्थलों पर होती है। जैसे कि:
* बाबा केदार: ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर
* यमुनोत्री: खरसाली
* गंगोत्री: मुखवा
* बदरीनाथ: पांडुकेश्वर और नृसिंह मंदिर जोशीमठ
17 नवंबर को बदरीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही छह महीने के लिए नियमित चारधाम यात्रा समाप्त हो गई थी। अब शीतकालीन यात्रा से श्रद्धालुओं को इन धामों के दर्शन करने का मौका मिलेगा।
मुख्य बिंदु:
* उत्तराखंड सरकार ने शीतकालीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने का फैसला किया।
* शीतकालीन प्रवास स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन होटलों में 10% छूट।
* सीएम धामी स्वयं शीतकालीन प्रवास स्थलों का दौरा करेंगे।
* शीतकाल में चारधामों की पूजा-अर्चना उनके शीतकालीन प्रवास स्थलों पर होती है।
उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा को मिलेगा बढ़ावा, सीएम धामी ने दिए निर्देश
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