हल्द्वानी। भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एसएसबी ने चेकिंग के दौरान रानीखेत विधायक के भाई सतीश नैनवाल को 7.65 एमएम के 40 कारतूस के साथ पकड़ा गया है। इस दौरान सतीश नैनवाल के साथ उनका ड्राइवर अल्मोड़ा निवासी दिनेश चंद्र (47) भी मौजूद था।
रानीखेत के विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैलवाल के पास भारत-नेपाल सीमा पर कारतूस मिलने के बाद अब प्रदेश की सियासत गरमा गई है। इस मामले को लेकर जहां कांग्रेस पार्टी के आला नेता भाजपा पर हमलावर हो गए हैं। वहीं, रानीखेत के विधायक और उनके भाई पूरी तरह बचाव की मुद्रा में आ गए हैं।
रानीखेत के विधायक डॉ. प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश और उनके ड्राइवर दिनेश चंद्र को बनबसा में एसएसबी ने 7.65 एमएम के 40 कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद एसएसबी ने यह मामला बनबसा पुलिस के सुपुर्द किया था। जहां से पुलिस ने नोटिस देकर आरोपियों को छोड़ दिया और लाइसेंस दिखाने की मोहलत दी थी। इस मामले के सामने आने के बाद अब कांग्रेस पार्टी हमलावर हो गई है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सत्ताधारी दल के रसूखदार लोग सीमा का प्रयोग तस्करी के लिए कर रहे हैं। पूर्व में नेपाल भी इस तरह के इशारे कर चुका है। रावत ने कहा कि चिंता का विषय यह नहीं कि विधायक के भाई को पकड़ा गया। बल्कि चिंता का विषय यह है कि इस मामले के सामने आने के बाद आरोपी को बचाने के लिए भाजपा में देहरादून से दिल्ली तक बेचैनी है।
पुलिस और प्रशासन रानीखेत के विधायक के भाई और उनके ड्राइवर को बचाने का प्रयास कर रहा है। कोई व्यक्ति हथियार या कारतूस लेकर इंटरनेशनल सीमा से एक देश से दूसरे देश में जा सकते हैं, इस प्रश्न का जवाब दिया जाना चाहिए। विधायक के भाई के पकड़े जाने के बाद अब सरकार के दबाव में उन्हें लाइसेंस व अन्य दस्तावेज दिखाने का समय दिया गया है। ऐसे तो कोई भी कारतूस अथवा हथियार लेकर एक से दूसरे देश चला जाएगा और सीमा पर पकड़े जाने के बाद भी लाइसेंस दिखाने की बात कहकर छूट जाएगा। लाइसेंसी हथियार को तो दो-तीन राज्यों तक ही ले जाने की अनुमति मिलती है लेकिन विधायक के भाई को कारतूस लेकर सीमा लांघ कर दूसरे देश में जाने की फिराक में थे। जो समझ से परे है।
रानीखेत विधायक का भाई 7.65 एमएम के 40 कारतूस के साथ गिरफ्तार
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