धर्म जाति से ऊपर उठकर
उनके रहे विचार,
और समाज की हर कुरीति पर
खुलकर किया प्रहार।
ऊँच नीच का भेद मिटाकर
हो सबका सम्मान,
बाबासाहेब की चाहत थी
ऐसा बने विधान।
चहुं ओर जन-जन में जागे
समरसता का भाव,
आपस में हो प्रीति निरंतर
बढ़ने लगे लगाव।
संविधान की रचना में
देकर अनुपम सहयोग,
भीमराव ने कम कर डाला
भेदभाव का रोग।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’