उधमसिंह नगर
रुद्रपुर: 7 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी का इनामी आरोपी जीवन चंद्र पांडे गिरफ्तार
डेढ़ साल से फरार, 5 हजार के इनामी आरोपी जीवन चंद्र पांडे को रुद्रपुर पुलिस ने दबोचा। उसने 2015 में फर्जी दस्तावेजों से अल्मोड़ा अर्बन बैंक से 7 करोड़ का लोन लिया था। पूरी खबर जानें।
रुद्रपुर। पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। कोतवाली पुलिस ने लगभग डेढ़ साल से फरार चल रहे और पांच हजार रुपये के इनामी अपराधी जीवन चंद्र पांडे को गिरफ्तार किया है। आरोपी जीवन चंद्र पांडे पर अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी कागजात तैयार करके बैंक से सात करोड़ रुपये का बड़ा लोन लेने का आरोप है। पुलिस ने आरोपी को सोमवार को गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश किया, जहाँ से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
फर्जी दस्तावेजों से लिया था 7 करोड़ का लोन
सीओ प्रशांत कुमार ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि हल्द्वानी निवासी जीवन चंद्र पांडे व अन्य के खिलाफ वर्ष 2024 में धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र की धाराओं में केस दर्ज किया गया था। यह धोखाधड़ी वर्ष 2015 में की गई थी। जीवन चंद्र ने अपने कुछ सहयोगियों और कथित तौर पर बैंक कर्मचारियों से मिलीभगत करके अल्मोड़ा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की रुद्रपुर शाखा से सात करोड़ रुपये का लोन लिया था। बाद में जब लोन की किस्तें जमा नहीं हुईं और बैंक ने दस्तावेजों की जाँच की, तो अधिकांश कागजात फर्जी पाए गए थे।
इनाम घोषित होने के बाद भी था भूमिगत
केस दर्ज होने के तुरंत बाद आरोपी जीवन चंद्र पांडे भूमिगत हो गया था और पुलिस की गिरफ्त से बच रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए उसकी संभावित जगहों पर कई बार दबिश दी, लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ पाया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसएसपी ने उस पर पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। सोमवार को एसएसआई नवीन बुधानी के नेतृत्व में टीम ने सर्विलांस और मुखबिर की सूचना पर आरोपी के घर दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया।
अन्य आरोपियों की तलाश जारी
इस 7 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने पहले भी कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने साफ किया है कि इस पूरे जालसाजी में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है। पुलिस के अनुसार, इस मामले में एक महिला आरोपी सूचि भारद्वाज की गिरफ्तारी भी बाकी है। पुलिस टीमें इस बड़े फर्जी लोन रैकेट के अन्य सदस्यों को जल्द से जल्द पकड़ने के प्रयास में जुटी हुई हैं और इस तरह के वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए अपनी कार्रवाई तेज कर रही है। उत्तराखंड पुलिस की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्तियों में इस मामले पर अधिक जानकारी मिल सकती है।
