अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़
कालीनदी के किनारे लगाए छह हजार पौधे, 130 ईको टास्क फोर्स की अनूठी पहल
पिथौरागढ़। कालीनदी के किनारे हर वर्ष बारिश के मौसम में भूकटाव के चलते भारी तबाही मचती है। नेपाल और भारत के बीच इस सीमावर्ती क्षेत्र में बहती कालीनदी के कटाव को रोकने के लिए एक ओर सरकारी विभाग सीमेंटेड तटबंध बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुमाऊं की 130 इंफेंट्री बटालियन ईको टास्क फोर्स (ईटीएफ) ने एक अनूठी पहल शुरू की है।
ईटीएफ के जवानों ने धारचूला से जौलजीबी तक के संवेदनशील इलाकों में पौधारोपण अभियान चलाते हुए छह हजार पौधे लगाए हैं। बटालियन के एडजुटेंट ऑफिसर वीएस दानू के अनुसार, इस मुहिम में बांज, फल्यांट, मणिपुरी बांज, सुरई, उतीस, भीमल, क्वैराल, माल्टा, नींबू, अमरूद, अखरोट जैसी कई उपयोगी प्रजातियों के पौधे शामिल हैं।
पौधारोपण से पूर्व ईटीएफ टीम ने क्षेत्र का गहन अध्ययन किया ताकि पौधों को सुरक्षित व उपयुक्त स्थान पर रोपा जा सके। कर्नल दानू ने बताया कि इस साल मानसून में आठ लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि एक लाख पौधे अतिरिक्त रूप से लगाए जाएंगे।
उन्होंने स्कूल प्रबंधन, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों से इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है। साथ ही आश्वासन दिया है कि ईटीएफ मांग पर नि:शुल्क पौधे उपलब्ध कराएगा, बशर्ते पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित संस्था स्वयं ले।
इससे पहले ईटीएफ ने जिला मुख्यालय के निकट यक्षवती नदी के किनारे और धनौड़ा वन पंचायत क्षेत्र में तीन सौ पौधों का रोपण किया था। इस कार्यक्रम में किसान भूषण पुरस्कार प्राप्त पूर्व सूबेदार केशवदत्त मखौलिया, लेफ्टिनेंट यशपाल चंद, मनरेगा लोकपाल जगदीश कलौनी, त्रिभुवन शाही, अभिलाषा समिति के डॉक्टर किशोर पंत, मुस्कान सामाजिक उत्थान समिति की विनीता कलौनी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
ईटीएफ के इस हरित प्रयास से कालीनदी के किनारे के क्षेत्र में न केवल हरियाली बढ़ेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ भविष्य में होने वाले कटाव पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी। इस मुहिम से क्षेत्र के किसानों और निवासियों में भी उत्साह है, जो इस पहल को प्रकृति संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं।
