अधर्म का धर्म पर जहाँ में,हो रहा अब राज।क्यों नहीं उठकर करें यहाँ, लोग अधर्म विनाश। एक अकेला खड़ा हुआ है,देता सच...
लब कभी तो कहीं कुछ कहे तो सही, सुनने वाला उसे कोई रहे तो सही, कौन कहता है आँसुओं के जुबां नहीं...
सुख के आने पर इतरानाखुश होना और जश्न मनाना,समझदार का काम नहीं हैदुख पाकर विचलित हो जाना,दुख का आना,हमें सतानायह तो बस...
हिन्दी भाषा शान हेतु और शुचि मान हेतुकरें प्रण अब हम हिन्दी अपनाएंगे। चलना पकड़ छोड़ दूजी भाषा की डगरहिन्दी की ही...
हिन्दी भाषा सरल,सुबोध है सरस अति,हिन्दी में ही काम कर सुयश कमाइये। तुलसी,बिहारी,देव,सूर व कबीर सम,हिन्दी की पताका फिर गगन चढ़ाइये। हिन्दी...
हिन्दी में ही दिनकर,पन्त, रसखान आदिकवि-पुंगवों का अनुपम योगदान है। पूज्य तुलसी ने हिन्दी में ही लिख महाग्रन्थकिया प्रभु राम के चरित्र...
काले ये बादल जो मंडराए तुम पर, उस बादल को तुम हटाकर तो देखो।तुम्हारी खुशी तो तुम्हारे ही है यारा,अपनी नज़र तुम...
यहाँ-वहाँ चौराहों पर अब खुल्ला रास नहीं होगा। जो भी उल्टे काम करेगा अब वो खास नहीं होगा। तान के चादर सोने...
सर उठा और पग बढ़ा ,किस सोच में है तू खड़ा।देख कर कठिनाइयों को,तू क्यों डरा, तू क्यों डरा। मन्जिलें हैं अब...
आज तेरे दर पे हम भी,मुस्कुराने आ गये। खुश होने के अब तो,सारे बहाने आ गये। यूँ पड़ी थी जिन्दगी, अभी तक...