दरिया से जाकर कह दो,किनारा मिल गया मुझको। जिन्दगी जीने का हँसी,सहारा मिल गया मुझको। चले थे हम सफर में जब,तन्हा और...
जब भी लिखेगी कुछ खास लिखेगी,कभी न दिलों की खटास लिखेगी,प्रेम की स्याही में शीश डुबाकर,एकता की ही मिठास लिखेगी।हर्ष लिखेगी उल्लास...
अधर्म का धर्म पर जहाँ में,हो रहा अब राज।क्यों नहीं उठकर करें यहाँ, लोग अधर्म विनाश। एक अकेला खड़ा हुआ है,देता सच...
सुख के आने पर इतरानाखुश होना और जश्न मनाना,समझदार का काम नहीं हैदुख पाकर विचलित हो जाना,दुख का आना,हमें सतानायह तो बस...
हिन्दी भाषा शान हेतु और शुचि मान हेतुकरें प्रण अब हम हिन्दी अपनाएंगे। चलना पकड़ छोड़ दूजी भाषा की डगरहिन्दी की ही...
यहाँ-वहाँ चौराहों पर अब खुल्ला रास नहीं होगा। जो भी उल्टे काम करेगा अब वो खास नहीं होगा। तान के चादर सोने...