विश्व के सबसे कठिन पर्वतारोहण चैलेंज 2023 के लिए तैयारियों के लिए नैनीताल में जुटे हैं 27 युवा
(कमल जगाती)
नैनीताल। उत्तराखंड के चमोली में विश्व के पहले उच्च स्थलित कौशल और धैर्य भरी वैश्विक चुनौती की तैयारी में जुटे हैं 27 युवा। इन चयनित युवाओं को भारतीय आर्मी और कॉन्क्यूरर लैंड एयर एंड वाटर (क्लॉ) टीम कठोर ट्रेनिंग दे रही है।
नैनीताल में विश्व के सबसे कठिन पर्वतारोहण चैलेंज 2023 के लिए इन दिनों 27 युवा तैयारियों में जुटे हैं। क्लॉ टीम के निदेशक अरुण अम्बती ने बताया की ये विश्व का पहला किल एन्ड एंड्यूरेन्स चैलेंज है। यहां टीम को सर्वाइवल स्किल, इमरजेंसी स्किल और सेल्फ डिफेंस स्किल सिखाकर चैलेंज के लिए तैयार किया जा रहा है। यहां हिंदुस्तान और फ्रांस समेत अन्य कुछ देशों के पर्वतारोहियों के साथ होने वाली इस चुनौती में ये ट्रेंड युवा जीत के लिए दम भरेंगे। भारत की स्पेशल फोर्स के सेवनिवृत्त जांबाज देश को पहाड़ी सीमाओं में पड़ने वाली जरूरतों को देखते हुए युवाओं को तैयार कर रहे हैं। इसमें ये युवाओं को एडवेंचर ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कई चीजें सिखा रहे हैं। ये टीम गढ़वाल हिमालय की उच्च पर्वतीय श्रृंखलाओं में दुनिया की सबसे मुश्किल कला और धैर्य भरी चुनौती को पार करेंगे। बताया कि प्रतियोगियों में 1400 एंट्री में से 94 महिलाओं की एंट्री थी। इसमें से कम करते करते केवल 2 महिलाओं और 25 पृरुषों को ही जगह मिल सकी। पहले फेज में ये प्रशिक्षु नैनीताल के बारह पत्थर क्षेत्र के पर्वतों में स्किल सीखेंगे और फिर जोशीमठ के जढांग और घनसाली के हिमालय पर्वतों और आसपास ट्रेडिंग लेंगे। इस आयोजन को सोल ऑफ स्टील, भारतीय फौज, नैनीताल माउंटेनियरिंग क्लब (एन.टी.एम.सी.), अरविंदो आश्रम और कॉन्क्यूरर लैंड एयर एंड वाटर (क्लॉ) कराएंगे। इसमें भारतीय स्पेशल फोर्स के सेवनिवृत्त अधिकारियों की टीम युवाओं को भूमि, हवा और जल में युद्ध करने के गुर सिखाएंगे। इसके अनुसार युवा भूमि में पर्वतारोहण, जल में स्कूबा डाइविंग और हवा में स्काई डाइविंग की ट्रेनिंग लेकर हर विपरीत परिस्थितियों का सामना करने योग्य हो जाएंगे।
कमांडो विकास ढाका ने बताया कि इन युवाओं को दस हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद लाइफ स्किल सिखाकर जून में 100 किलोमीटर का रूट पार करना है। इसमें पर्वत, ग्लेशियर आदि मुश्किल राहों से गुजरना पड़ेगा। ये गढ़वाल के जढांग और घनसाली में इस मुश्किल मार्ग से गुजरेंगे। इस कार्यक्रम के बाद युवाओं को स्किल मंत्रालय का प्रशस्तिपत्र भी दिया जाएगा। टीम की ट्रेनिंग से दिव्यांगों ने भूमि वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है, इसके बाद ये दिव्यांग ऑस्ट्रेलिया और मालदीव्स में जल वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं और आसमान में भी वर्ल्ड रिकॉर्ड की तैयारी चल रही है। टीम युवाओं को बेहतर और सुरक्षित जिंदगी जीने के लिए तैयार कर रही है।