हल्द्वानी

कालाढूंगी में आतंक मचाने वाली मादा गुलदार के बाद नर गुलदार भी पिंजरे में कैद

बकरी के लालच में कैद हुआ गुलदार, चकलुवा कोटाबाग बैलपडाव क्षेत्र में भी गुलदार की दहशत
हल्द्वानी। कालाढूंगी के वार्ड नंबर एक में आतंक मचाने वाली मादा गुलदार पिंजरे में कैद होने के बाद नर गुलदार भी पिंजरे में कैद हो गया। दूसरा गुलदार पिंजरे में कैद होने से वन विभाग के क्षेत्रवासी भी हैरान हैं कि आखिरकार मासूम को किसने निवाला बनाया।
गुलदार के पिंजरे में आने के बाद वन विभाग ने फिलहाल राहत की सांस ली ही थी, कि गुरुवार की सुबह एक गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। ज्ञात हो कि रामनगर वन प्रभाग के कालाढूंगी रेंज में दो नवंबर की रात्रि को कालाढूंगी के वार्ड नंबर एक निवासी राजेंद्र सिंह गैड़ा की 6 वर्षीय पुत्री गौरी को एक गुलदार द्वारा घर में घुसकर उठा ले जाने के बाद से कालाढूंगी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी मुकेश जोशी सहित वन कर्मी लगातार गश्त पर थे, तथा घर के आसपास कई पिंजरे भी लगाए गए थे।
इन पिंजरों की प्रतिदिन निगरानी की जा रही थी। घटना के 27 वें दिन को मेथिशाह नाले में लगे पिंजरे में गुलदार कैद हो गया। जिसके बाद गुलदार के पिंजरे को ढेला रामनगर रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया गया। वह दूसरे दिन घटनास्थल वाले घर से पीछे 100 मीटर की दूरी बगीचे में जहां बच्ची का शव मिला था, उस पिंजरे में बकरी के लालच में गुलदार कैद हो गया। दूसरा गुलदार कैद होने की सूचना पर लोग की भीड़ लगने लगी।
वन कर्मियों ने रेस्क्यू कर पिंजरे सहित नर गुलदार को वेटनरी के लिए रामनगर हॉस्पिटल ले गया । जहां डॉ दुष्यतं कुमार ने गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण गया। रेंजर मुकेश जोशी ने बताया कि नर गुलदार की उम्र 5 वर्ष है। उन्होंने बताया कि बच्ची के बिसरे के लैब व दोनों गुलदार के चिकित्सा परीक्षण के बाद ही साफ हो की मासूम को किसने निवाला बनाया था। गुलदार के पकड़े जाने से क्षेत्रवासियों ने भी राहत की सांस ली है व क्षेत्र में कई गुलदार होने से दहशत में हैं।
आबादी क्षेत्रों में अचानक गुलदार का कुनबा बढने लगा है। जो कि आने वाले समय में वन्यजीव संघर्ष बढ सकता है। कालाढूंगी,गदगदीया,बरहैंनी,दैचोरी रेंजों से सटे कालाढूंगी,कोटाबाग,चकलुवा व बैलपडाव के जंगल से सटे गांवों में सूर्य ढलते ही गुलदार दस्तक दे रहा है। कुछ माह पूर्व में छोरा जाली व कालढूंगी नगर में कई लोगों को गुलदार ने झपट्टा मार कर घायल कर दिया था। क्षेत्र में कई लोगों के कुत्तों,बकरी व मवेशियों को गुलदार अपना निवाला बना चुका है।

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