मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के सदस्यों ने शंकराचार्य से मुलाकात की
हरिद्वार। मूल निवास के मुद्दे पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपना समर्थन दिया है। बुधवार को मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के सदस्यों ने शंकराचार्य से मुलाकात की। समिति का दावा है कि शंकराचार्य ने मूल निवास की मांग को न्यायोचित बताते हुए कहा कि सरकार को जल्द इसे मान लेना चाहिए।
शंकराचार्य से मुलाकात के अलावा संघर्ष समिति ने हरिद्वार में विभिन्न सामाजिक संगठनों, राजनैतिक दलों, पूर्व सैनिकों, राज्य आंदोलनकारियों के साथ बैठक की। समिति के संयोजक मोहित डिमरी और सह संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान जारी है। यह उत्तराखंड के हर एक मूल निवासी का आंदोलन है। समिति संविधान की भावना के अनुरूप अपने हक की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक उत्तराखंड में हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू कानून और मूल निवास 1950 लागू नहीं हो जाता, यह आंदोलन जारी रहेगा। समन्वय समिति के सदस्य और पूर्व ब्लॉक प्रमुख पोखड़ा सुरेंद्र रावत ने कहा कि प्रदेश की जमीनों पर भूमाफिया का कब्जा होता जा रहा है। भू-कानून लचर होने से है, कोई भी प्रदेश में बेतहाशा जमीन खरीद सकता है।
बैठक में राज्य आंदोलनकारी सतीश जोशी, तरुण व्यास, महादेव पंवार, चंद्र किशोर लेखवार, डॉ. अजय नेगी, बलवीर सिंह रावत, योगेंद्र नेगी, दीपक पांडे, मनोज रावत, श्याम भट्ट, रजत कंडवाल, विनोद शर्मा, नंदकिशोर लेखवार, राज कंडवाल, उपेंद्र भंडारी, विनोद चौहान, मनेंद्र पुनेठा, धीरेंद्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे।
मूल निवास के मुद्दे पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने समर्थन दिया
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