हल्द्वानी
अल्मोड़ा से हल्द्वानी आ रहे 3 शिक्षकों की दर्दनाक मौत! रातीघाट में शिप्रा नदी में गिरी कार
शनिवार शाम 7 बजे हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाइवे पर रातीघाट के पास भीषण हादसा। शिप्रा नदी में कार गिरने से तीन शिक्षक (सुरेंद्र भंडारी, पुष्कर भैसोड़ा, संजय बिष्ट) मृत घोषित, एक गंभीर घायल।
हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाइवे पर शनिवार की शाम एक भीषण सड़क दुर्घटना ने तीन परिवारों की खुशियां छीन लीं। शाम करीब सात बजे, अल्मोड़ा से हल्द्वानी में एक शादी समारोह में शामिल होने आ रहे शिक्षकों की कार रातीघाट के पास अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई और शिप्रा नदी में समा गई। कार के गिरने की जोरदार आवाज सुनकर आसपास के स्थानीय लोग मौके पर दौड़े और तुरंत पुलिस प्रशासन को घटना की जानकारी दी। यह दुखद घटना पूरे शिक्षा और प्रशासनिक जगत को झकझोर गई है।
पुलिस और एसडीआरएफ ने चलाया तत्परता से रेस्क्यू
सूचना मिलते ही खैरना पुलिस और एसडीआरएफ (SDRF) की टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंची। अंधेरा होने के बावजूद, स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों ने रस्सी के सहारे खाई में उतरकर कार के अंदर फंसे चार लोगों को बाहर निकाला। सभी घायलों को तुरंत खैरना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया गया। हालांकि, डॉक्टरों ने अल्मोड़ा निवासी तीन शिक्षकों – सुरेंद्र भंडारी, पुष्कर भैसोड़ा और संजय बिष्ट को मृत घोषित कर दिया।
एक घायल शिक्षक हायर सेंटर रेफर
दुर्घटना में घायल हुए शिक्षक मनोज कुमार को खैरना सीएचसी में प्राथमिक उपचार दिया गया। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए, उन्हें तुरंत हल्द्वानी के हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। एसपी सिटी डॉ. जगदीश चंद्र ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि रेस्क्यू अभियान तत्परता से चलाया गया था और घायल को तत्काल हल्द्वानी रेफर कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि दुर्घटना की सूचना मृतकों के परिजनों को दे दी गई है, जिसके बाद उनके घरों में मातम छा गया है।
सड़क सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
इस भीषण हादसे ने एक बार फिर पहाड़ी मार्गों पर सड़क सुरक्षा के मानदंडों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुष्कर सिंह भैसोड़ा (एजुकेशनल मिनिस्टीरियल ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष) और संजय बिष्ट व सुरेंद्र भंडारी (राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, हवालबाग ब्लॉक के पदाधिकारी) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे व्यक्तियों का निधन पूरे शिक्षक समुदाय के लिए अपूरणीय क्षति है। स्थानीय प्रशासन को इस प्रकार के संवेदनशील मोड़ों पर सुरक्षा घेरे (क्रैश बैरियर) मजबूत करने पर तत्काल ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
