उत्तराखण्ड
उत्तराखंड छात्रसंघ चुनाव: डीएवी और एमबीपीजी कॉलेज में एबीवीपी का दबदबा, अध्यक्ष पद पर बड़ी जीत
देहरादून/हल्द्वानी। उत्तराखंड के सबसे बड़े डीएवी पीजी कॉलेज और कुमाऊं के प्रतिष्ठित एमबीपीजी कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव के नतीजों ने इस बार एबीवीपी को नई ताकत दी है। 14 साल बाद डीएवी कॉलेज में अध्यक्ष पद पर एबीवीपी की वापसी हुई है, वहीं एमबीपीजी कॉलेज में संगठन ने लगातार दूसरी बार अपना कब्जा बरकरार रखा है।
डीएवी कॉलेज: 14 साल बाद वापसी
डीएवी पीजी कॉलेज के अध्यक्ष पद पर एबीवीपी प्रत्याशी ऋषभ मल्होत्रा ने एनएसयूआई उम्मीदवार हरीश चंद्र जोशी को 657 वोटों से हराया। यह जीत खास इसलिए मानी जा रही है क्योंकि 2023 में आर्यन छात्र संगठन के सिद्धार्थ अग्रवाल ने एबीवीपी की जीत का सिलसिला रोक दिया था। हालांकि उससे पहले 14 साल तक अध्यक्ष पद पर एबीवीपी या उसके बागियों का कब्जा रहा।
इस बार मुकाबला त्रिकोणीय था, लेकिन असली टक्कर एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच रही, जिसमें एबीवीपी ने जीत का परचम लहराया। उपाध्यक्ष पद पर विशाल कुमार ने जीत दर्ज की, सचिव पद पर आर्यन संगठन के करन नेगी विजयी रहे। सह सचिव पद पर अभिषेक कुमार, कोषाध्यक्ष पद पर दिव्यांशी कनौजिया और विवि प्रतिनिधि पद पर प्रियांशु सिंह ने जीत हासिल की।
एमबीपीजी कॉलेज: लगातार दूसरी जीत
हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज में भी एबीवीपी ने अपना दबदबा बनाए रखा। अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के अभिषेक गोस्वामी ने 1625 वोट पाकर निर्णायक जीत दर्ज की। उनके प्रतिद्वंद्वी कमल बोरा को 1465 वोट मिले। इस तरह अभिषेक को 160 वोटों की बढ़त से जीत मिली। 15वें और अंतिम राउंड की मतगणना तक दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला रहा, लेकिन अंत में एबीवीपी ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली।
एबीवीपी का बढ़ा मनोबल
दोनों बड़े कॉलेजों में जीत के बाद एबीवीपी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। खासकर डीएवी कॉलेज में 14 साल बाद वापसी ने संगठन के आत्मविश्वास को और बढ़ा दिया है। वहीं, एमबीपीजी कॉलेज में लगातार दूसरी बार जीत ने साबित कर दिया है कि कुमाऊं क्षेत्र में एबीवीपी की जमीनी पकड़ मजबूत हो रही है।
इन चुनावी नतीजों ने साफ कर दिया है कि प्रदेश की छात्र राजनीति में एबीवीपी अभी भी एक बड़ी ताकत है और आने वाले दिनों में उसका असर और गहराने की संभावना है।
