नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा कि यह निर्णय उन्होंने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए और डॉक्टरों की सलाह के आधार पर लिया है। इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अंतर्गत राष्ट्रपति को सौंपा गया। इस्तीफे में उन्होंने राष्ट्रपति का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह उनके लिए सम्मान और सुखद अनुभव रहा है।

धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रिपरिषद और सांसदों के प्रति भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री का सहयोग मेरे लिए अत्यंत मूल्यवान रहा है और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। सांसदों से जो स्नेह और अपनापन मिला, वह मेरे लिए सदा अमूल्य रहेगा।”
धनखड़ ने भारत की हालिया आर्थिक और वैश्विक प्रगति को लेकर भी गर्व प्रकट किया। उन्होंने लिखा, “इस परिवर्तनकारी काल में उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात रही है। मैं भारत के उज्ज्वल भविष्य में पूर्ण विश्वास रखता हूं।”
धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था, लेकिन उन्होंने लगभग दो वर्ष पहले ही इस्तीफा दे दिया। इससे पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं और पेशे से एक अनुभवी वकील रहे हैं। देश के इतिहास में यह दूसरा मौका है, जब किसी उपराष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया है। इससे पहले वी.वी. गिरि ने 1969 में राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था।
धनखड़ की तबीयत पिछले महीने उत्तराखंड दौरे के दौरान अचानक बिगड़ गई थी। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कार्यक्रम के बाद उन्हें चिकित्सा सहायता दी गई और वे राज्यपाल के साथ राजभवन लौट गए थे। इसके बाद से उनके स्वास्थ्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद सत्तारूढ़ एनडीए में उनके उत्तराधिकारी को लेकर विचार-विमर्श शुरू हो गया है। एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत है, जिससे वह सहजता से उपराष्ट्रपति चुन सकती है। संभावित नामों में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, कुछ पूर्व राज्यपाल, अनुभवी संगठनात्मक नेता या केंद्रीय मंत्री शामिल हो सकते हैं।
पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भाजपा के वरिष्ठ नेता थे और 2017 में इस पद पर नियुक्त हुए थे। ऐसे में एनडीए एक बार फिर किसी प्रभावशाली राजनीतिक व प्रशासनिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को इस संवैधानिक पद पर बैठा सकती है। अगले कुछ दिनों में उम्मीदवार के नाम पर औपचारिक निर्णय की संभावना है।
