भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने प्रभावितों से की मुलाकात
हल्द्वानी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने बनभूलपुरा हिंसा के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि मदरसा और नमाजस्थल के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई की तिथि 14 फरवरी तय की गई थी। मगर उससे पहले ही इसे तोड़ दिया। प्रशासन की जल्दबाजी की वजह से हिंसा हुई। इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए कमेटी बनाई जानी चाहिए।
हिंसा के एक माह बाद बुधवार को पूर्व राज्यसभा सांसद वृंदा करात बनभूलपुरा के हिंसाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचीं। उन्होंने हिंसा में मारे गए स्थानीय निवासियों के परिजनों से मुलाकात की। मलिक का बगीचा पहुंचकर वृंदा करात ने मदरसे और नमाजस्थल के बारे में जानकारी ली। पूछा कि सील भवन से कुरान शरीफ को कैसे निकाला गया और किसने निकाला। इस पर बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने उन्हें कुरान हटाने के संबंध में एक वीडियो भी दिखाया। इस दौरान बातचीत में वृंदा करात ने कहा कि वह इस मामले को सांप्रदायिक रंग नहीं देना चाहतीं, लेकिन घनी आबादी क्षेत्र में एक ऐसी घटना का वीडियो प्रूफ है जिसमें उन्होंने देखा कि पुलिस की मौजूदगी में कुछ लोगों ने टारगेट कर मुस्लिमों के घरों को जलाया गया। एक युवक को गोली मार दी गई।
प्रशासन की जल्दबाजी की वजह से हुई बनभूलपुरा की हिंसा : वृंदा करात
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