अल्मोड़ा। बिनसर के जंगल में वनाग्नि के कारण हुई मौत की पूरी जिम्मेदारी सरकार सहित वन सचिव,वन मंत्री,डी0फ0ओ0 की है। सरकार ने जिस तरह सम्बंधित डी0एफ0ओ0 को निलंबित किया है उसी तरह इस घोर लापरवाही के लिए वन सचिव पर भी कारवाई हो, साथ ही वन मंत्री पद से त्याग पत्र दे। ये बात सामाजिक कार्यकर्ता विनय किरौला ने प्रेस को जारी प्रेस नोट में कही है।
पिछले कुछ सालों से बड़े पैमाने पर जंगलों में आग लगना आम हो गया है। बिनसर वनाग्नि में आग बुझाने के लिए आवश्यक ट्रेनिंग,आवश्यक ईक्यूपमेंट के बिना भेजे गए छोटे कर्मचारियों को अफ़सरो व सरकार की घोर लापरवाही के कारण अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। सरकार को हर साल वनाग्नि से बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग व इक्पमेन्ट कर्मचारियों को देने की आवश्कता है,दुर्भाग्य है बिनसर में हुई वनाग्नि की घटना से पूर्व भी एक बड़ी घटना सोमेश्वर में घट चुकी है जिसमे भी लोगों ने अपनी जान गवाई है। विभाग व सरकार ने इन घटनाओं से कोई सबक नही सीखा। सरकार के रवैये से समझ जाना चाहिए कि उसकी नज़र में आम आदमी की जान की कोई कीमत नही है।
बिनसर अग्निकांड के मृतकों को मिले 50 लाख मुआवजा, वनमंत्री दें इस्तीफा: विनय किरौला
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