हल्द्वानी
कुमाऊं में चाइनीज फूड का स्वाद देने वाले मिस्टर ली का निधन, 85 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
हल्द्वानी। कुमाऊं में चाइनीज फूड को लोकप्रिय बनाने वाले मिस्टर ली नहीं रहे। 85 वर्षीय मिस्टर ली ने गुरुवार दोपहर हाइडिल गेट स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। लंबे समय से बीमार चल रहे मिस्टर ली ने कुछ समय पहले ही फूड कारोबार छोड़ दिया था। उनके बेटे जेम्स ने बताया कि शुक्रवार सुबह 8:30 बजे चित्रशिला घाट स्थित इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मूलरूप से दक्षिण चीन से जुड़े हक्का समुदाय के मिस्टर ली का जन्म 1944 में कोलकाता में हुआ था। उनके पिता कोलकाता में हाथ से चीनी जूते बनाने का काम करते थे। चार भाई और छह बहनों के बीच पले-बढ़े मिस्टर ली ने अपनी मां से असली हक्का चायनीज खाना बनाना सीखा।
नब्बे के दशक में नैनीताल पहुंचे मिस्टर ली ने 1988 में कॉलटैक्स के पास पहला चायनीज रेस्टोरेंट खोला। उनके व्यंजनों का स्वाद देखते ही देखते लोगों की पसंद बन गया। इसके बाद उन्होंने रानीबाग में भी रेस्टोरेंट की शुरुआत की। उनके स्वाद की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि “ली किचन” नाम से कई अन्य रेस्तरां खुल गए।
उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका था और अन्य रिश्तेदार विदेश में रहते हैं। मिस्टर ली अपने बेटे जेम्स के साथ भारत में ही रहते थे। उनका सपना था कि भारत में जन्म लेने के कारण उन्हें भारतीय नागरिकता मिले, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद यह संभव नहीं हो पाया और वह चीनी नागरिक के रूप में ही इस दुनिया से विदा हो गए।
