हल्द्वानी
10 महीने तक भटका वोटर लिस्ट प्रकरण: समाजसेवी हेमंत गौनिया ने उठाई चुनाव व्यवस्था पर सवाल
हल्द्वानी। नगर निगम चुनाव में वोटर लिस्ट से नाम गायब होने के मामले में समाजसेवी और आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गौनिया ने प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि उनके और उनके परिवार के नाम नगर निगम चुनाव की वोटर लिस्ट से हटा दिए गए, जिसके कारण वे इस वर्ष मतदान नहीं कर सके।
हेमंत गौनिया ने इस संबंध में 9 जनवरी 2025 को जिला निर्वाचन कार्यालय नैनीताल और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखंड सरकार को शिकायत पत्र भेजा था। लेकिन शिकायत को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में भेजा जाता रहा और 10 महीने बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने 7 सितंबर 2025 को पुनः सूचना अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत नाम न जुड़ने के कारणों की जानकारी मांगी।
आरटीआई में खुलासा हुआ कि जिला निर्वाचन कार्यालय ने 23 सितंबर 2025 को दूसरी बार नगर मजिस्ट्रेट हल्द्वानी और नगर निगम हल्द्वानी को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई कर रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
हेमंत गौनिया का कहना है कि जब एक जागरूक समाजसेवी और आरटीआई कार्यकर्ता को न्याय पाने में इतनी कठिनाई हो रही है, तो आम नागरिकों की स्थिति का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि व्यवस्था की पारदर्शिता से जुड़ा है, और वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक उचित कार्रवाई नहीं होती।
