नई दिल्ली
मैथिली ठाकुर और आनंद मिश्रा को BJP का टिकट, बिहार में गरमाई सियासत
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए बीजेपी ने 12 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की। लोक गायिका मैथिली ठाकुर को हायाघाट से और पूर्व IPS आनंद मिश्रा को बक्सर से टिकट मिला है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर सियासी हलचल बढ़ा दी है। इस सूची में 12 प्रत्याशियों के नाम हैं, जिनमें दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं: लोक गायिका मैथिली ठाकुर और पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा। जेडीयू की सूची आने के कुछ घंटों बाद ही बीजेपी ने यह दांव चला, जिससे NDA की चुनावी रणनीति साफ हो गई है।
लोकप्रिय चेहरे चुनावी मैदान में
लोकप्रिय मैथिली ठाकुर को दरभंगा जिले की महत्वपूर्ण हायाघाट विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। मैथिली ठाकुर अपनी मधुर आवाज और सांस्कृतिक पहचान के कारण मिथिलांचल में पहले से ही काफी लोकप्रिय हैं। वहीं, अपनी कार्यशैली के लिए चर्चित रहे पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा को पार्टी ने ब्राह्मण बहुल बक्सर सीट से मैदान में उतारा है। इन दो हाई-प्रोफाइल उम्मीदवारों को उतारना बीजेपी की ‘युवा और साफ छवि’ की राजनीति को दर्शाता है पार्टी युवाओं पर भरोसा कर रही है।
दूसरी सूची में कौन-कौन शामिल?
बीजेपी की इस 12 प्रत्याशियों की सूची में पुराने कार्यकर्ताओं और नए चेहरों का मिश्रण देखने को मिला है। पार्टी ने कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए लोगों को मौका दिया है। हायाघाट और बक्सर के अलावा, पार्टी ने जिन अन्य सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें कई क्षेत्रों में कड़े मुकाबले की उम्मीद है। बिहार चुनाव के इस चरण में बीजेपी ने सामाजिक समीकरणों को साधने की भी पूरी कोशिश की है। विपक्ष ने हालांकि सूची पर निशाना साधा है, पर एनडीए नेताओं का कहना है कि यह सूची जीत सुनिश्चित करेगी।
जीत के समीकरण साधने की कोशिश
बीजेपी की इस दूसरी सूची पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी ने वोटरों को सीधे-सीधे साधने की रणनीति अपनाई है। मैथिली ठाकुर जैसे चेहरे क्षेत्रीय भावनाओं और सांस्कृतिक पहचान को जोड़कर पार्टी को फायदा पहुंचा सकते हैं। इसी तरह, आनंद मिश्रा की उम्मीदवारी सुशासन और प्रशासनिक अनुभव को महत्व देने वाले मतदाताओं को आकर्षित कर सकती है। बीजेपी का यह कदम दिखाता है कि वह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
आगे की रणनीति और निष्कर्ष
एनडीए गठबंधन में सीटों के बंटवारे के बाद बीजेपी और जेडीयू अब तेजी से अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। इस सूची के साथ ही, बिहार चुनाव का माहौल और गरमा गया है। सभी की निगाहें अब शेष सीटों पर टिकी हैं और राजनीतिक पंडित यह जानने को उत्सुक हैं कि यह नई सूची चुनावी नतीजों पर कैसा प्रभाव डालती है। उम्मीदवारों के चयन में सामंजस्य और नए चेहरों को मौका देना एनडीए के पक्ष में काम कर सकता है।
