हल्द्वानी
हल्द्वानी: 67वें दिन भी बागजाला किसान आंदोलन में भारी जोश, ‘यह कॉर्पोरेट से घर बचाने की जंग’
उत्तराखंड के हल्द्वानी में बागजाला के किसानों का ऐतिहासिक धरना 67वें दिन भी जारी। अखिल भारतीय किसान महासभा ने कहा- यह कॉर्पोरेट नहीं, जनता के हक की लड़ाई है। जानें ताजा अपडेट।
हल्द्वानी। हल्द्वानी के बागजाला में भूमि अधिकार और विकास कार्यों की मांग को लेकर 18 अगस्त से चल रहा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन 67वें दिन भी पूरे जोश और विश्वास के साथ जारी रहा। इस ऐतिहासिक आंदोलन को अखिल भारतीय किसान महासभा (AIKM) बागजाला कमेटी के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। 67वें दिन प्रदर्शन को समर्थन देने पहुंचे किसान नेताओं ने इसे गरीबों और भूमिहीनों के हक की निर्णायक लड़ाई बताया।
सरकार पर मजदूर-किसान विरोधी होने का आरोप
67वें दिन के धरने को अखिल भारतीय किसान महासभा जिला नैनीताल के अध्यक्ष कामरेड भुवन जोशी ने समर्थन दिया। उन्होंने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। जोशी ने कहा कि सरकार लगातार मजदूर-किसान विरोधी नीतियां ला रही है और गरीब किसानों-मजदूरों को उनकी जमीन से उजाड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार आंदोलन को तोड़ने के लिए ग्रामीणों के बीच नफरत फैलाकर बांटने का हर प्रयास करेगी, क्योंकि यह सरकार जनता की ताकत से डरती है। किसान महासभा ने स्पष्ट किया कि यह किसी राजनीतिक पार्टी को बचाने का नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट से अपना घर, जमीन, गाँव बचाने का आंदोलन है।
एकजुटता के साथ संघर्ष जारी रखने का संकल्प
किसान नेता भुवन जोशी ने कहा कि बागजाला का यह आंदोलन दर्शाता है कि अब जनता को अपने अधिकारों के लिए केवल संघर्ष ही करना होगा। उन्होंने आंदोलन को अपना पूरा सहयोग और समर्थन देने का विश्वास दिलाया। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि यह संघर्ष जनता की ताकत से लड़ा जा रहा है और जीत जनता की ही होगी। अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला के सचिव वेद प्रकाश ने सभा का संचालन किया और सभी समर्थकों का धन्यवाद किया।
दूर-दूर से पहुंचे किसान नेता और ग्रामीण
धरना प्रदर्शन के 67वें दिन आंदोलन को समर्थन देने के लिए बिंदुखत्ता और आस-पास के क्षेत्रों से कई किसान नेता और ग्रामीण पहुंचे। इनमें हरीश चन्द्र सिंह भण्डारी, हरक सिंह बिष्ट, आनन्द सिंह नेगी, वेद प्रकाश, रियाज खान, पनी राम, विमला देवी, हेमा देवी, गोपाल सिंह बिष्ट, इंद्रपाल आर्य, धनीराम आर्य, चंद्र प्रकाश, भोला सिंह, सुनीता देवी, रमेश प्रसाद, हरीश चद्र, गणेश राम, शहजाद, मीना देवी, रेशमा, जेवुन निशा, मोहम्मद सुलेमान मलिक, तुलसी देवी, नसीम अहमद, मारुफ अली समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में मांग की कि बागजाला के लोगों को जल्द से जल्द उनके भूमि अधिकार प्रदान किए जाएं और सभी विकास कार्यों पर लगी रोक हटाई जाए।
