हल्द्वानी
हल्द्वानी फर्जी प्रमाण पत्र रैकेट का बड़ा खुलासा: आरोपी फैजान ‘फर्जी अराजनवीस’ निकला, तहसील में हड़कंप
हल्द्वानी वनभूलपुरा में फर्जी स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने के आरोपी फैजान मिरकानी पर बड़ा खुलासा हुआ है। वह असली अराजनवीस नहीं था। तहसील में 2020 से अब तक के 2 हजार प्रमाण पत्रों की जाँच शुरू।
हल्द्वानी। हल्द्वानी में फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनाने के बड़े रैकेट के आरोपी फैजान मिरकानी के बारे में मंगलवार को एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि फैजान तहसील में एक अराजनवीस (दस्तावेज लेखक) था ही नहीं। वह पिछले कई सालों से फर्जी अराजनवीस बनकर लोगों के दस्तावेज तैयार कर रहा था और इस अवैध धंधे से मोटा पैसा कमा रहा था। उसके तार उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक फैले हुए थे।
कुमाऊं कमिश्नर के जनता दरबार से हुआ खुलासा
इस पूरे मामले का खुलासा बीते दिनों कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के जनता दरबार में हुआ था। कमिश्नर और पुलिस की संयुक्त छापेमारी में वनभूलपुरा निवासी फैजान मिरकानी के कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए थे। इसके बाद तहसीलदार कुलदीप पांडे की तहरीर पर पुलिस ने फैजान, उसके साथी रईस अहमद और ऊर्जा निगम कर्मी दिनेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तीनों को जेल भेज दिया था। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि विवेचना में स्पष्ट हुआ है कि फैजान फर्जी ढंग से लोगों को फंसाकर ये काम कर रहा था।
तहसील में हड़कंप, 2000 प्रमाण पत्रों की जांच शुरू
फर्जी प्रमाणपत्रों का मामला प्रकाश में आने के बाद हल्द्वानी तहसील में हड़कंप मच गया है। डीएम ललित मोहन रयाल के निर्देश पर तहसील में वर्ष 2020 से अब तक जारी किए गए सभी आय, जाति, निवास और स्थाई निवास प्रमाण पत्रों की जांच का निर्णय लिया गया है। इस जांच के लिए तहसीलदार कुलदीप पांडे की अध्यक्षता में एक 11 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो करीब 2,000 प्रमाण पत्रों की स्क्रूटनी करेगी। जांच कमेटी CSC और तहसील के कर्मचारियों की भूमिका की भी गहनता से जांच करेगी।
वेंडरों और CSC की होगी व्यापक मॉनिटरिंग
तहसीलदार कुलदीप पांडे ने बताया कि तहसील में कार्यरत सभी अराजनवीस, स्टांप वेंडर और कॉमन सर्विस सेंटरों की भी व्यापक जांच की जाएगी। इसके लिए एक 12 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो बुधवार से जांच शुरू करेगी। यदि किसी भी वेंडर या सीएससी के दस्तावेज गलत पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और तहसील के माध्यम से मुकदमे भी दर्ज कराए जाएंगे। फैजान मिरकानी अब तक अपने अराजनवीस या सीएससी संचालक होने का कोई वैध दस्तावेज जमा नहीं कर पाया है।
