उधमसिंह नगर
रुद्रपुर में एक्शन! नाबालिग को बाइक चलाने पर पेरेंट्स को ₹26,500 का झटका, सीपीयू की बड़ी कार्रवाई
रुद्रपुर में 16 वर्षीय किशोर को बाइक चलाते पकड़ने पर सिटी पेट्रोल यूनिट (CPU) ने बड़ी कार्रवाई की। नाबालिग को वाहन देने पर अभिभावक पर ₹26,500 का भारी जुर्माना लगाया गया। जानें क्यों बढ़ रही है यह समस्या और क्या है कानून।
रुद्रपुर। नगर क्षेत्र में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिस पर अब सिटी पेट्रोल यूनिट (CPU) ने सख्त रुख अपना लिया है। हाल ही में, चेकिंग अभियान के दौरान सीपीयू ने एक 16 वर्षीय किशोर को बाइक चलाते हुए पकड़ा, जिसके बाद उसके अभिभावक पर ₹26,500 रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया है। इस कार्रवाई ने उन सभी माता-पिता को एक कड़ा संदेश दिया है जो बच्चों को लापरवाही से वाहन थमा देते हैं।
सीपीयू ने कैसे की कार्रवाई?
सीपीयू प्रभारी गोधन सिंह ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि चेकिंग के दौरान दशमेश द्वार के पास एक किशोर बाइक चलाता मिला। जांच में पाया गया कि किशोर के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, उसने हेलमेट भी नहीं लगाया था और उसकी बाइक की नंबर प्लेट भी त्रुटिपूर्ण थी। आधार कार्ड से उसकी उम्र 16 वर्ष होने की पुष्टि हुई। मोटर वाहन अधिनियम के तहत, नाबालिग को वाहन चलाने देने पर अभिभावक पर सीधे ₹25,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया। इसके अतिरिक्त, त्रुटिपूर्ण नंबर प्लेट के लिए ₹1000 और हेलमेट न पहनने पर ₹500 का चालान किया गया, जिससे कुल जुर्माना ₹26,500 हो गया।
क्यों किया जाता है इतना बड़ा जुर्माना?
नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना न केवल कानून का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि उनकी और सड़क पर चल रहे अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है। मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 में इस अपराध के लिए जुर्माने की राशि को काफी बढ़ा दिया गया है। 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को वाहन चलाने देने पर अभिभावक को दोषी माना जाता है, और वाहन का रजिस्ट्रेशन भी 12 महीने के लिए रद्द किया जा सकता है। यह सख्त प्रावधान दुर्घटनाओं को रोकने और ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं।
दो महीने में 17 किशोर पकड़े गए
रुद्रपुर में नाबालिग ड्राइविंग की यह समस्या लगातार बढ़ रही है। सीपीयू प्रभारी ने बताया कि पिछले मात्र दो महीने के अंदर सिटी पेट्रोल यूनिट 17 ऐसे किशोरों को वाहन चलाते हुए पकड़ चुकी है। यह आंकड़ा शहर में ट्रैफिक नियमों के प्रति बढ़ती लापरवाही और अभिभावकों की गैर-जिम्मेदारी को दर्शाता है। सीपीयू ने साफ कर दिया है कि भविष्य में भी यह कार्रवाई जारी रहेगी ताकि नाबालिगों को वाहन देने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाई जा सके।
