हल्द्वानी
हल्द्वानी: रीवा के भाइयों ने 700 KM दूर आकर दी जान, सल्फास खाने से एक की मौत, बेरोजगारी बनी वजह?
मध्य प्रदेश के रीवा निवासी दो सगे भाइयों ने हल्द्वानी के काठगोदाम जंगल में सल्फास गटक लिया। बड़े भाई शिवेश मिश्र (22) की मौत, छोटा गंभीर। 6 महीने पहले माता-पिता ने भी की थी आत्महत्या।
हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक बेहद दुखद घटना सामने आई है, जहाँ मध्य प्रदेश के रीवा निवासी दो सगे भाइयों ने काठगोदाम के जंगल में संदिग्ध परिस्थितियों में सल्फास गटक लिया। इस घटना में बड़े भाई शिवेश मिश्र (22 वर्ष) की मौत हो गई, जबकि छोटे भाई बृजेश मिश्रा (20 वर्ष) की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर इसलिए क्योंकि इन दोनों भाइयों के माता-पिता ने भी कुछ महीने पहले इसी तरह जहर खाकर अपनी जान दे दी थी।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों भाई बुधवार शाम को हल्द्वानी पहुँचे थे। इसके बाद वे काठगोदाम होते हुए भद्यूनी स्थित गोलज्यू मंदिर से नीचे जंगल की ओर चले गए। वहीं, दोनों ने सल्फास गटक लिया। जंगल से लौट रहे कुछ ग्रामीणों ने उन्हें बेहोशी की हालत में देखकर पुलिस को सूचना दी। तत्काल मौके पर पहुँची एसआई नीतू जोशी की टीम ने दोनों को एसटीएच में भर्ती कराया, जहाँ डॉक्टरों ने शिवेश को मृत घोषित कर दिया।
पारिवारिक त्रासदी: माता-पिता की आत्महत्या के बाद तनाव
पुलिस और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दोनों भाई अपने माता-पिता की आत्महत्या के बाद से ही गहरे तनाव में चल रहे थे। लगभग छह महीने पहले माता-पिता ने भी जहर खाकर जीवन लीला समाप्त कर ली थी। इस पारिवारिक त्रासदी के बाद दोनों भाई अक्सर अपने नानी-नाना और अन्य रिश्तेदारों के यहाँ रह रहे थे।
एक प्रारंभिक जानकारी यह भी सामने आई है कि दोनों भाई बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे थे, जिसके कारण वे लगातार तनाव में थे। हालाँकि, पुलिस ने इस बात की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की है और मामले की गहराई से जाँच की जा रही है। यह सवाल बना हुआ है कि उन्होंने अपने गृह नगर रीवा से लगभग 700 किलोमीटर दूर आकर यह आत्मघाती कदम क्यों उठाया। पुलिस मृतक के परिजनों को सूचित कर चुकी है और उनके आने का इंतजार किया जा रहा है।
पुलिस जाँच जारी: 700 KM का सफर क्यों?
काठगोदाम थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों युवकों ने इतना लंबा सफर तय करके यहाँ आत्महत्या जैसा कदम क्यों उठाया, इसकी गहन जाँच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वे हल्द्वानी में किसी रोजगार की तलाश में आए थे, या फिर माता-पिता की मौत के सदमे ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। यह घटना राज्य में युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य और रोजगार की स्थितियों पर एक बार फिर चिंता पैदा करती है।
