उत्तराखण्ड
लखपति दीदी योजना पर मुख्य सचिव का बड़ा निर्देश: SHGs के लिए क्षमता विकास अनिवार्य
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने लखपति दीदी योजना की समीक्षा कर SHGs के उत्पादों में गुणवत्ता और तकनीक बढ़ाने के लिए लगातार क्षमता विकास कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए। ई-कॉमर्स और ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ पर होगा फोकस।
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने राज्य की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना की समीक्षा करते हुए, इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने और उनमें तकनीक का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए लगातार क्षमता विकास कार्यक्रम संचालित करने को अनिवार्य बताया है। मुख्य सचिव ने कहा कि यह कदम ग्रामीण महिलाओं को सही मायने में ‘लखपति’ बनाने की दिशा में निर्णायक होगा।
मुख्य सचिव ने योजना की प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए इसकी निरंतर मॉनिटरिंग पर भी ज़ोर दिया है। उन्होंने निर्देश दिया कि लखपति दीदी योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय संचालन समिति और राज्य स्तरीय निगरानी समिति का गठन शीघ्र किया जाए। इन समितियों की बैठकें लगातार आयोजित की जानी चाहिए ताकि योजना के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को समय पर दूर किया जा सके और तय लक्ष्यों को हासिल किया जा सके।
स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को व्यापक बाज़ार उपलब्ध कराना एक मुख्य चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए, मुख्य सचिव ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, रिटेल चेन और अन्य बाज़ार माध्यमों पर अधिक से अधिक फोकस करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेष रूप से SHGs के सर्वश्रेष्ठ उत्पादों को ‘हाऊस ऑॅफ हिमालयाज’ जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड में भी शामिल करने की बात कही, जिससे उत्पादों को प्रीमियम पहचान और बेहतर कीमत मिल सके।
इस बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, मेहरबान सिंह बिष्ट और झरना कामठान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लखपति दीदी योजना को सफल बनाने के लिए इन बिंदुओं पर तुरंत काम शुरू करें। इन उपायों से यह सुनिश्चित होगा कि योजना का लाभ ज़मीनी स्तर तक पहुँचे और उत्तराखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिले।
