उत्तराखण्ड
चमोली, टिहरी और रुद्रप्रयाग में बादल फटा, चमोली में दंपति लापता, दो घायल, 20 मवेशी दबे
देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने कई जिलों में तबाही मचाई है। गुरुवार देर रात चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के मोपाटा गांव में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। घटना में तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता बताए जा रहे हैं, जबकि विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हुए हैं। उनका घर और गोशाला मलबे में दब गए हैं, जिसमें 15 से 20 मवेशियों के दबने की सूचना है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि तहसील प्रशासन और रेस्क्यू टीम मौके के लिए रवाना हो गई है।
वहीं, टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव में भी बादल फटने की घटना हुई। हालांकि, यहां किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक के छेनागाड़ और बांगर सहित कई इलाकों में बादल फटने और अतिवृष्टि से व्यापक नुकसान हुआ है। कई मकान और खेत पानी व मलबे से प्रभावित हुए हैं।
लगातार बारिश को देखते हुए चमोली जिले के सभी विकासखंडों में शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है। देवाल और आसपास के क्षेत्रों में जगह-जगह सड़कें टूटने से आवागमन बाधित हो गया है। थराली, आदिबदरी और कर्णप्रयाग में भी भारी बारिश से लोग सहमे हुए हैं। कर्णप्रयाग के कालेश्वर क्षेत्र में पहाड़ से मलबा सीधे लोगों के घरों में घुस गया, जिसे हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगातार काम कर रही हैं।
मौके पर पुलिस और प्रशासन की टीम राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई है। अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की है। लगातार जारी बारिश ने राज्यभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
अलकनंदा-पिंडर नदी उफान पर, गेंवाली में बादल फटने से नुकसान, कई मार्ग बाधित
चमोली और टिहरी जिलों में लगातार बारिश ने तबाही मचाई है। अलकनंदा और पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ गया है। कर्णप्रयाग के सुभाषनगर में पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने से सड़क बंद हो गई। वहीं, भिलंगना ब्लॉक के गेंवाली गांव के ऊपर बादल फटने से कृषि भूमि, पेयजल और विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं। कई पैदल पुल व रास्ते टूट गए हैं। राजस्व विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हो चुकी है। गनीमत रही कि इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। लगातार बारिश से लोग दहशत में हैं और प्रशासन सतर्कता बरतने की अपील कर रहा है।
