हल्द्वानी
सैनिकों के लिए धामी सरकार का बड़ा फैसला! आवास सहायता 2 लाख से बढ़कर 50 लाख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी में पूर्व सैनिक सम्मेलन में बड़ा ऐलान किया। वीर नारियों और पूर्व सैनिकों के आवास के लिए आर्थिक सहायता 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई, साथ ही शहीद सैनिकों के परिवार को अनुग्रह राशि अब ₹50 लाख मिलेगी।
हल्द्वानी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को हल्द्वानी में आयोजित पूर्व सैनिक सम्मेलन में सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। राज्य स्थापना रजत जयंती समारोह की शृंखला में आयोजित इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने दोहराया कि राज्य सरकार हमेशा सैनिक परिवारों के प्रति समर्पित है और उनके हित के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
आवास सहायता राशि में बड़ी वृद्धि
मुख्यमंत्री धामी ने सबसे बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि शहीद सैनिकों की वीर नारियों, युद्ध दिव्यांग सेवारत एवं सेवामुक्त सैनिकों को आवास निर्माण के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पाँच लाख रुपये कर दिया गया है। यह फैसला उन परिवारों को बड़ी राहत देगा, जो अपनी मातृभूमि की सेवा करने वाले अपनों के लिए घर बनाने का सपना देख रहे हैं। सरकार की इस पहल से सैनिक कल्याण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है।
अनुग्रह राशि 50 लाख, विभाग का पुनर्गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवार को दी जाने वाली एकमुश्त अनुग्रह राशि को पहले ही 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया है। यह राशि सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान है। इसके अलावा, उन्होंने राज्य में सैनिक कल्याण विभाग के ढांचे के पुनर्गठन की घोषणा भी की। सीएम ने हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पौड़ी में नए सैनिक कल्याण भवन बनाने का भी ऐलान किया, जिससे क्षेत्रीय स्तर पर सैनिक परिवारों को लाभ मिल सके।
पारदर्शिता और योजनाओं का लाभ
सीएम धामी ने जोर देकर कहा कि सैनिक कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार की हर योजना का लाभ सहज रूप से हर सैनिक परिवार तक पहुँच सके। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और सैनिक कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उत्तराखंड, जिसे वीरभूमि के रूप में जाना जाता है, वहाँ के सैनिकों के योगदान को सम्मान देना सरकार की प्राथमिकता है।
