हल्द्वानी। पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज प्रभाकर और उनके बेटे के खिलाफ हल्द्वानी कोतवाली में धोखाधड़ी के आरोप में गुरुवार रात मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा लखनऊ के एक होलसेल कारोबारी ने दर्ज कराया है। कारोबारी का आरोप है कि मनोज ने सिडकुल पंतनगर में कॉस्मेटिक उत्पाद निर्माता कंपनी शुरू कर उन्हें अधिकृत होल सेलर नियुक्त किया। इसके बाद लाखों रुपये का माल बेचकर बिना बताए पंतनगर स्थित कंपनी के प्लांट और हल्द्वानी के ट्रांसपोर्ट नगर में स्थित कंपनी के सेल्स कार्यालय को बंद कर दिया। इससे पीड़ित को 11.44 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
तहरीर में लखनऊ के चौक निवासी नीरज कुमार शुक्ल ने बताया कि उनकी रकाबगंज में एनएस सेल्स नाम से फर्म है। वह कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के होलसेल कारोबारी हैं। एक जुलाई 2017 को उन्होंने मनोज प्रभाकर की कंपनी नेचुरेंस रिसर्च लैब प्राइवेट लिमिटेड एवं नेचुरेंस हर्बल कंपनी के साथ सुपर डिस्ट्रीब्यूटरशिप का एग्रीमेंट किया था। बतौर कंपनी निदेशक मनोज प्रभाकर ने उन्हें पूर्वी एवं मध्य यूपी का डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त किया था। इसके बाद कंपनी के उत्पाद उन्हें होलसेल में बेचे गए। नीरज ने तहरीर में कहा है कि इसका पूरा भुगतान भी उन्होंने कर दिया, लेकिन इसके बाद ही निदेशक ने बिना सूचना दिए कंपनी बंद कर दी। कंपनी अचानक बंद होने से बाजार में उसके उत्पादों की बिक्री ही नहीं हुई। बताया कि वर्तमान में उनके पास नेचुरेंस हर्बल के 3,21,601 रुपये के, नेचुरेंस रिसर्च लैब प्राइवेट लिमिटेड के 2,78,938 रुपये के और मार्केट रिप्लेसमेंट के 1,53,920 रुपये के उत्पाद डंप पड़े हैं। वहीं मार्केट में उधारी भी 3,90,227 रुपये हो गई है, जो कंपनी बंद हो जाने की वजह से नहीं मिल पा रही है। नीरज ने तहरीर में बताया है कि मौजूदा वक्त में वह 11,44,686 रुपये के नुकसान में हैं। जब उन्होंने कंपनी निदेशक मनोज और उनके बेटे रोहन से संपर्क करने की कोशिश की तो कोई जवाब नहीं मिला।
पीड़ित नीरज शुक्ल ने बताया कि वह झांसी से लेकर बस्ती तक करीब 30 डिस्ट्रीब्यूटरों को माल सप्लाई करते थे। चार दिसंबर 2023 को मनोज और उनके बेटे रोहन प्रभाकर ने लाखों का माल उन्हें भेजा था। इसके बाद 23 दिसंबर को अचानक बैठक बुलाकर पूरी सेल्स टीम को हटा दिया। जब सेल्स टीम की मांग
की गई तो वे नई टीम रखने की बात कहकर टालते रहे। इधर, सेल्स टीम नहीं होने की वजह से माल विक्रेताओं तक नहीं पहुंच पाया। जब नीरज ने अपने ट्रेडर्स से पता किया तो जानकारी मिली कि फरवरी 2024 में मनोज प्रभाकर ने पंतनगर सिडकुल स्थित
फैक्ट्री बेचकर टीपीनगर हल्द्वानी स्थित कंपनी कार्यालय बंद कर दिया है। बाजार में कंपनी बंद होने की बात फैलने की वजह से माल गोदाम में ही डंप हो गया।
हल्द्वानी में पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज प्रभाकर और उनके बेटे के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
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