45 एंबुलेंस और विशेषज्ञ चिकित्सकों का दल तैनात, स्वास्थय की होगी जांच
उत्तरकाशी। निकास सुरंग तैयार होने के बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम सुरंग में दाखिल होकर एक-एक कर श्रमिकों को स्ट्रेचर ट्राली के माध्यम से बाहर लाएगी। श्रमिकों के बाहर आते ही सुरंग के मुहाने पर तैनात चिकित्सकों का दल सभी का परीक्षण करेगा। लंबे समय तक कृत्रिम आक्सीजन के सहारे जिंदगी की जंग लड़ने वाले श्रमिकों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए उन्हें तत्काल एंबुलेंस से चिन्यालीसौड़ में तैयार किए गए 40 बेड के अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ले जाया जाएगा।
एंबुलेंस बिना व्यवधान के चिन्यालीसौड़ पहुंच सकें, इसके लिए स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने सिलक्यारा से चिन्यालीसौड़ के करीब 32.5 किलोमीटर भाग पर ग्रीन कारीडोर की तैयारी कर रखी है। देर शाम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी के मातली से बचाव अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। जबकि, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार व राज्य सरकार के विशेष कार्याधिकारी भाष्कर खुल्बे सुबह से ही सिलक्यारा में डटे हुए हैं।
श्रमिकों के जल्द सुरंग से बाहर आने की आशा के साथ स्वास्थ्य विभाग समेत विभिन्न एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर हैं। श्रमिकों को सुरंग से बाहर लाने की जिम्मेदारी एनडीआरएफ को दी गई है। इसके लिए एनडीआरएफ के जवानों ने शाम को कई बार माक ड्रिल की। जैसे ही श्रमिक सुरंग से बाहर आएंगे, उनका तत्काल स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सिलक्यारा में बनाए गए अस्थायी अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती कर दी है। साथ ही 45 एंबुलेंस भी समुचित चिकित्सा संसाधनों के साथ तैनात कर दी गई हैं। चिकित्सकों के परामर्श पर श्रमिकों को उनकी स्थिति के मुताबिक एम्स ऋषिकेश समेत अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा। एयर एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है, जिसका उपयोग जरूरत पड़ने पर किया जाएगा।
सुरंग से निकालते ही 40 बेड के अस्पताल में भर्ती कराए जाएंगे श्रमिक
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