अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़
चार दिन से बेघर लोक गायिका कमला देवी, मदद के लिए प्रशासन से गुहार
बागेश्वर। सामाजिक मीडिया पर अपनी लोकगायकी से करोड़ों दिलों को छूने वाली प्रसिद्ध राजुला-मालूशाही लोकगायिका कमला देवी आज अपने घर की छत के लिए मदद की गुहार लगाने को मजबूर हैं। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़ तहसील स्थित लखनी गांव निवासी कमला देवी की आवाज में गाए लोकगीतों को इंटरनेट पर करोड़ों लोगों ने सराहा है, लेकिन आज उनका अपना घर ही सुरक्षित नहीं है।
चार दिन पहले आई तेज आंधी में उनका पहले से ही जर्जर घर क्षतिग्रस्त हो गया और छत पूरी तरह उड़ गई। इस हादसे के बाद से कमला देवी टूटे-फूटे मकान के एक ही कमरे में रहने को विवश हैं। वे आर्थिक रूप से कमजोर हैं और घर की मरम्मत के लिए उनके पास संसाधन नहीं हैं। उन्होंने पहले से ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया हुआ है, लेकिन सरकारी प्रक्रिया की धीमी रफ्तार के चलते अब तक कोई ठोस मदद नहीं मिल सकी।
कमला देवी की लोकगायकी हमेशा से उत्तराखंड के लोकसंस्कृति को सहेजती आई है। आज वही लोकगायिका बेसहारा स्थिति में है, मगर प्रशासन से अब तक अपेक्षित सहायता नहीं मिल पाई है। इस स्थिति में उनका संघर्ष इस बात को दर्शाता है कि कैसे हमारे लोक कलाकार, जो अपनी संस्कृति को जीवंत रखते हैं, विपरीत परिस्थितियों में उपेक्षा का सामना कर रहे हैं।
गांव के लोग भी इस लोकगायिका के लिए मदद की मांग कर रहे हैं, ताकि कमला देवी फिर से अपने घर में सुरक्षित रह सकें और अपनी गायकी से प्रदेश को गौरवान्वित कर सकें।
