अल्मोड़ा। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के कार्यालय में क्यों ज़रूरी हैं मानवाधिकार, विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई। इस मौक़े पर वक्ताओं ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने दुनिया में हर मानव के जन्म लेने पर सामाजिक सुरक्षा देने, समान कार्य के लिए समान वेतन पाने, शिक्षा तथा मनोरंजन व आराम पाने का अधिकार दिया है। इस मौके पर उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि यदि व्यक्ति व समाज अपनी मानवीय गरिमा के प्रति संवेदनशील नहीं होते हैं तो प्रभावशाली लोग व सत्ता उनके अधिकारों का हरण कर लेती है।
उपपा के केंद्रीय कार्यालय में श्रीमती आनंदी वर्मा की अध्यक्षता में हुई परिचर्चा को प्रारंभ करते हुए उपपा अध्यक्ष तिवारी ने कहा कि आज देश दुनिया में लगातार बढ़ रही आर्थिक सामाजिक विषमता धार्मिक व जातीय भेदभाव, बेरोजगारी व युद्धों के चलते मानवाधिकारों का भारी हनन हो रहा है।
परिचर्चा में बंदी रिहाई आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट पान सिंह ने संयुक्त राष्ट्र संघ व भारतीय संविधान की मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने पर लगे आरोपों के मुकदमों की निष्पक्ष सुनवाई व अपराधी घोषित होने से पहले उसे बेगुनाह माने जाने का अधिकार है। एडवोकेट जीवन चंद्र ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को गरिमा पूर्ण जीवन जीने से रोकना मानवाधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि भारत में मानवाधिकार आयोगों की भूमिका कमजोर होने से भी परिस्थितियों गंभीर हुई हैं। साहित्यकार व पूर्व प्राचार्य नीरज पंत ने शिक्षा क्षेत्र में भी भारी असमानता, बच्चों के पुष्टाहार में गड़बड़ी, संविदा में काम करने वाले शिक्षकों व ठेका श्रमिकों की स्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे समाज गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।
उपपा के केंद्रीय महासचिव एडवोकेट नारायण राम ने कहा कि हमारे देश में विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर तरह- तरह से प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। आलोक पाठक ने कहा कि परिवार से लेकर राज्य तक मानवाधिकारों के उल्लंघन पर सतर्कता व संवेदनशीलता से ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा स्वास्थ्य सुविधाओं में भारी असमानता चिंता की बात है। परिचर्चा में उत्तराखंड छात्र संगठन की नेत्री भावना पांडे, शोध छात्रा एडवोकेट भारती, उपपा नेत्री किरन आर्या, मोहम्मद वसीम, उपपा की नगर अध्यक्ष हीरा देवी, चंपा सुयाल समेत अन्य लोगों ने परिचर्चा में भाग लिया।