दुनियाँ में
आया हूँ तो,
औरों के खातिर
जी लूँ,
अपनों के
काम आऊँ,
गैरों की खातिर
मर लूँ,
सूरत को
मेरी गढ़ना,
ईश्वर के
हाथ में था,
दिल अपने
हाथ में है,
इसको तो
अच्छा कर लूँ।
दिल अपने
हाथ में है,
इसको तो
सच्चा कर लूँ।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’
दुनियाँ में
आया हूँ तो,
औरों के खातिर
जी लूँ,
अपनों के
काम आऊँ,
गैरों की खातिर
मर लूँ,
सूरत को
मेरी गढ़ना,
ईश्वर के
हाथ में था,
दिल अपने
हाथ में है,
इसको तो
अच्छा कर लूँ।
दिल अपने
हाथ में है,
इसको तो
सच्चा कर लूँ।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’