शाश्वतम आश्रम में भव्य रूप से किया जाएगा श्री रामकथा का शुभारंभ
हरिद्वार। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर एवं शाश्वतम आश्रम पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि विश्व भर में सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए शाश्वत धाम संस्था अग्रणी भूमिका निभा रही है। और शाश्वत धर्म को शिखर पर ले जाना ही संत समाज का मुख्य उद्देश्य है। भूपतवाला क्षेत्र के भारत माता पुरम स्थित शाश्वतम आश्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि शाश्वत सनातन धर्म का ही पर्यायवाची है। जिसके प्रचार प्रसार के लिए विश्व भर के साठ से अधिक देशों में शाश्वत धाम विचार क्रांति द्वारा श्रीराम कथा एवं भागवत कथा के माध्यम से जनकल्याण हेतु प्रयासरत है। हिंदू राष्ट्र पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भारत हिंदुओं का स्थान है और हमेशा से ही हिंदू राष्ट्र रहा है। आवश्यकता है तो बस कुछ व्यवस्थाओं को बदलने की। धर्म के आधार पर इस देश का बंटवारा आजादी के समय हुआ था तो जब पाकिस्तान में मुस्लिम बहुसंख्यक है और वह मुस्लिम राष्ट्र है। उज्बेकिस्तान में उजबेक है उसी प्रकार से भारत भी बहुसंख्यक हिंदुओं का स्थान है और हम सभी हिंदू राष्ट्र के ही निवासी है। उन्होंने कहा कि भारत में गुरुकुल परंपरा विलुप्त होने के कारण पाश्चात्य संस्कृति हावी हो रही है। जिसके प्रति युवा पीढ़ी को जागृत रहकर अपने धर्म और संस्कृति का बोध होना चाहिए। साथ ही अपने इतिहास और सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। तभी भारत विश्व गुरु बन कर उभरेगा। स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि विश्व कल्याण के लिए बारह मार्च से अठारह मार्च तक श्रीराम कथा का आयोजन किया जाएगा। कलयुग में मानवता को सही राह दिखाने वाली एकमात्र संजीवनी प्रभु श्रीराम की कथा है। जिसके श्रवण मात्र से व्यक्ति में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है और उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने बताया कि उन्नीस मार्च को संत समाज के सानिध्य में शाश्वतम आश्रम का शिलान्यास किया जाएगा। जिसमें सभी अखाड़े, आश्रम के संत महापुरुष सम्मिलित होंगे। मॉरीशस से पधारे पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश रामवन ने बताया कि महामंडलेश्वर स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती महाराज भारत सहित लगभग साठ देशों में भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। और शाश्वत धामो की स्थापना कर विदेशों में भी भारतीय संस्कृति की पताका को फहरा रहे हैं। इसी तरह से संत समाज बढ़-चढ़कर भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करेगा और उनका भारतीय सभ्यता के प्रति रुझान बढ़ेगा तो वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्व गुरु के रूप में समस्त विश्व का मार्गदर्शन करेगा। इस अवसर पर राकेश बुद्धेश्वर, डॉ जितेंद्र सिंह, विमल कुमार, बेगराज सिंह, नवनीत कंसल, दीपक वैद्य भी उपस्थित रहे।