खनन कारोबारियों की सिटी मजिस्ट्रेट से नोकझोंक, खनन निजीकरण का विरोध कर रहे व्यापारी
हल्द्वानी। खनन निजीकरण व खनन कारोबारियों के विरोध प्रदर्शन के बावजूद शुक्रवार को पुलिस की तैनाती में गौला के 11 गेटों से 112 वाहनों ने खनन निकासी की। इस दौरान कारोबारियों की सिटी मजिस्ट्रेट से नोकझोंक भी हो गई।
शुक्रवार को एसडीएम परितोष वर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम गौला नदी के लालकुआं खनन निकासी गेट पहुंची। इस दौरान वाहन स्वामी उपखनिज निकासी को तैयार नहीं हुए। इसके बाद प्रशासन टीम ने बमुश्किल वाहन की व्यवस्था कर उपखनिज की निकासी करवाई। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह व पुलिस क्षेत्राधिकारी भूपेंद्र धोनी के नेतृत्व में टीम मोटाहल्दू गेट पहुंची। यहां मजिस्ट्रेट ने डंपर स्वामियों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह अपनी मांगों पर अड़े रहे। इस दौरान खनन कारोबारियों की उनके साथ नोकझोंक भी हो गई। काफी देर बाद दो डंपर स्वामी खनन सामग्री ले जाने को राजी हुए।
इधर वन विकास निगम के डीएलएम धीरज बिष्ट ने बताया कि गौला नदी के 11 गेटों से कुल 112 वाहनों की निकासी हुई है। वहीं एसडीएम वर्मा ने बताया जो कोई भी उपखनिज की निकासी वाहनों को रोकेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फिटनेस पूर्व की तरह करने, खनन का निजीकरण न करने समेत पांच सूत्रीय मांगों को लेकर खनन कारोबारियों ने जनसभा कर विरोध प्रदर्शन किया। गौला खनन मजदूर उत्थान समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी ने आरोप लगाते हुए कहा, प्रशासन विलेन का काम कर रही है। स्टॉक व स्टोन क्रशर कारोबारियों को दबाव में लेकर उपखनिज की निकासी करवा रही है। शाम पांच बजे बाद भी वाहन उपखनिज निकासी कर रहे हैं, जो नियम विरुद्ध है। महामंत्री जीवन कबडवाल, इंदर सिंह, भगवान धामी, जीवन बोरा, सुरेश चंद्र जोशी, पंकज दानू, हरीश रहे।
लालकुआं में विरोध प्रदर्शन के बावजूद पुलिस की निगरानी में गौला के 11 गेटों से खनन निकासी
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