देहरादून: साइबर ठगों ने एक बार फिर एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया है। मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर एक ठग ने देहरादून के चमन विहार निवासी एक सेवानिवृत्त शिक्षक को डिजिटल गिरफ्तारी का झांसा देकर उनसे 2.27 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। पीड़ित ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित को कुछ दिन पहले एक फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और कहा कि उनके मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का उपयोग कर एक बैंक खाता खोला गया है, जिसमें 20 लाख रुपये का संदिग्ध लेनदेन हुआ है। इसके बाद उसने फोन किसी विनय कुमार चौबे को दे दिया, जिसने खुद को क्राइम ब्रांच का सब इंस्पेक्टर बताया।
चौबे ने पीड़ित को डराया धमकाया कि वह डिजिटल गिरफ्तार हो चुके हैं और अगर उन्होंने सही जानकारी नहीं दी तो उन्हें 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पीड़ित को डराने के लिए ठग ने उसे वीडियो कॉल पर भी बुलाया और न्यायालय से संबंधित दस्तावेज दिखाए। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि यह सब इतना वास्तविक लग रहा था कि वह डर गया।
ठग ने पीड़ित को यह भी धमकाया कि अगर उसने इस मामले की पड़ताल की तो उसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में फंसा दिया जाएगा और एनआईए जैसी एजेंसी उसे गिरफ्तार कर सकती है। ठग ने पीड़ित से रिश्वत के रूप में पैसे मांगे और पीड़ित ने डर के मारे 11 सितंबर से 17 सितंबर के बीच 2.27 करोड़ रुपये ठग के खाते में जमा कर दिए।
जब पीड़ित को समझ में आया कि उसके साथ धोखा हुआ है तो उसने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
साइबर ठगों के तरीके:
* डराना-धमकाना: साइबर ठग अक्सर लोगों को डरा धमकाकर पैसे ऐंठते हैं। वे खुद को पुलिस, सीबीआई या अन्य सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताते हैं।
* जाली दस्तावेज: ठग जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके लोगों को बेवकूफ बनाते हैं।
* अनजान नंबरों पर कॉल: ठग अक्सर अनजान नंबरों से कॉल करते हैं और लोगों से व्यक्तिगत जानकारी मांगते हैं।
* वीडियो कॉल: ठग वीडियो कॉल का इस्तेमाल करके लोगों को और अधिक डराते हैं।
सावधानी बरतने के उपाय:
* अनजान नंबरों पर कॉल न उठाएं:
* अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें:
* जाली वेबसाइटों से दूर रहें:
* बैंक खाते से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी के साथ साझा न करें:
* अगर आपको कोई संदिग्ध कॉल आता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें:
यह मामला एक बार फिर हमें साइबर ठगों के बढ़ते खतरे के प्रति सचेत करता है। हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी भी तरह के धोखे का शिकार होने से बचना चाहिए।
यह खबर इस बात की ओर इशारा करती है कि साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं और लोगों को ठगने के नए-नए तरीके निकाले जा रहे हैं। इसलिए, हमें साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक होना बहुत जरूरी है।
मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम पर ठगी: देहरादून के सेवानिवृत्त शिक्षक से 2.27 करोड़ रुपये ऐंठे
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