नैनीताल
नैनीताल अग्निकांड: हाईकोर्ट के पास ऐतिहासिक भवन में लगी भीषण आग, शिशु मंदिर जलकर राख
नैनीताल के मल्लीताल स्थित दो मंजिला ऐतिहासिक भवन में मंगलवार शाम भीषण आग लग गई। भवन में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर पूरी तरह जल गया। स्थानीय लोगों ने जान जोखिम में डालकर प्रधानाचार्य और उनके बेटे को बचाया।
नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल में मंगलवार शाम को एक बड़ा हादसा हुआ। मल्लीताल हाईकोर्ट परिसर के पास स्थित एक ऐतिहासिक दो मंजिला भवन में भीषण आग लग गई। इस भवन में वर्षों से संचालित हो रहा सरस्वती शिशु मंदिर पूरी तरह से जलकर राख हो गया। आग इतनी भयंकर थी कि कुछ ही मिनटों में लपटों ने पूरे भवन को अपनी चपेट में ले लिया। आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है, लेकिन प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस भयानक अग्निकांड के दौरान भवन में रहने वाले स्कूल के प्रधानाचार्य जगदीश तिवारी और उनके बेटे की जान खतरे में पड़ गई थी। हालांकि, स्थानीय लोगों, होटल कर्मियों और राहगीरों ने तुरंत अपनी जान जोखिम में डालकर साहसी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। युवाओं ने छतों पर चढ़कर पानी डालकर बचाव कार्य को तेज किया और समय रहते प्रधानाचार्य व उनके बेटे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। आग की सूचना मिलते ही दो दमकल वाहन मौके पर पहुंचे, लेकिन आग की भीषणता को देखते हुए भवाली और भीमताल से भी फायर टेंडर बुलाने पड़े।
भवन के निचले तल पर होटल दीना और एक टेंट हाउस संचालित होता था, जबकि ऊपरी मंजिल पर शिशु मंदिर, गीता आश्रम और स्वामी का आवास था। यह भवन अशोक लाल साह का बताया गया है, और इसमें वर्ष 1989 से सरस्वती शिशु मंदिर चल रहा था। आग शाम करीब सात बजे लगी। दमकल वाहनों को शुरुआती दौर में वाहनों की आवाजाही के कारण मौके तक पहुंचने में बाधा आई। इसके बाद पुलिस ने तुरंत मल्लीताल-कालाढूंगी रोड को दोनों ओर से बंद कर दिया, जिससे राहत कार्य में तेजी आ सकी।
घटना की जानकारी मिलने पर एसडीएम नवाजिश खलीक, एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्रा, और एसओ मनोज नयाल सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। यह ऐतिहासिक क्षति न सिर्फ भवन मालिकों के लिए, बल्कि नैनीताल के लिए भी एक बड़ा नुकसान है, क्योंकि यह भवन लंबे समय से शिक्षा का केंद्र रहा था। प्रशासन अब आग लगने के वास्तविक कारणों की गहन जांच कर रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
