नैनीताल। हाईकोर्ट ने रानीखेत के चौबटिया उद्यान में निदेशक के नहीं बैठने संबंधी याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने राज्य सरकार सहित निदेशक उद्यान चौबटिया को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। पूछा कि देहरादून कैंप ऑफिस से चौबटिया गार्डन का संचालन क्यों किया जा रहा है जबकि निदेशक को चौबटिया गार्डन में बैठना चाहिए।
मामले के अनुसार, रानीखेत निवासी गोपाल उप्रेती ने याचिका में कहा कि भारत रत्न पं. गोविंद बल्लभ पंत ने चौबटिया गार्डन के लिए 100 एकड़ जमीन दी थी। चौबटिया हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट एंड रिसर्च सेंटर बनाने के साथ ही निदेशालय बनाया ताकि हॉर्टिकल्चर की स्कीमों का लाभ सीधा पहाड़ के किसान उठा सकें लेकिन उद्यान निदेशक यहां न बैठकर देहरादून कैंप कार्यालय से इसका संचालन कर रहे हैं, जिससे काश्तकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में निदेशक पर तमाम आरोप लगाते हुए कोर्ट से प्रार्थना की गई कि निदेशक को मुख्यालय में बैठने के आदेश दिए जाएं और उनके द्वारा की गई कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराई जाए।