हल्द्वानी: मत्स्य पालन विभाग ने जिले के किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एक नई पहल की है। विभाग भीमताल, रामनगर और कोटाबाग में मोती की खेती को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है। इस योजना के तहत 50 किसानों का चयन किया गया है, जिन्हें 15 नवंबर से मोती की खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
25 वर्गमीटर में होगी मोती की खेती:
विभाग के अनुसार, प्रत्येक किसान को 25 वर्गमीटर के क्षेत्र में मोती की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए विभाग किसानों को मोती के सीपी निःशुल्क प्रदान करेगा। मोती की खेती की प्रक्रिया में लगभग डेढ़ साल का समय लगता है। एक बार जब मोती तैयार हो जाते हैं, तो किसान इन्हें 500 रुपये से अधिक की कीमत पर बेच सकते हैं।
किसानों के लिए आवेदन प्रक्रिया:
मोती की खेती में रुचि रखने वाले किसानों को मत्स्य विभाग में आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ किसानों को अपना खाता खतौनी, आधार कार्ड, दो फोटो और बैंक की डिटेल जमा करानी होगी।
उत्तर प्रदेश से आएंगे मोती के सीपी:
विभाग उत्तर प्रदेश के चित्रकूट से मोती के सीपी मंगाएगा और इन्हें किसानों को प्रदान करेगा।
किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी:
विभाग का अनुमान है कि 25 वर्गमीटर में मोती की खेती से किसान 25 से 30 हजार रुपये तक की आय प्राप्त कर सकते हैं। विभाग किसानों के लिए मोतियों का बाजार भी उपलब्ध कराएगा ताकि वे आसानी से अपनी उपज बेच सकें।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा:
मोती की खेती से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पर्यटक भी इन मोतियों को खरीद सकेंगे।
भविष्य की योजनाएं:
यदि यह पहल सफल होती है तो विभाग जिले में मोती की खेती को और अधिक बढ़ावा देने की योजना बना रहा है।
भीमताल, रामनगर और कोटाबाग के किसानों के लिए नई आय का जरिया: मोती की खेती
By
Posted on