अल्मोड़ा। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर रविवार को राम सिंह धौनी पुस्तकालय में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) द्वारा “अंबेडकर और वर्तमान दौर” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने अंबेडकर के आदर्शों को वर्तमान समय में बेहद प्रासंगिक बताते हुए शोषितों, पीड़ितों, वंचितों और बेरोजगारों से संगठित होने की अपील की।
संगोष्ठी की अध्यक्षता उपपा के केंद्रीय उपाध्यक्ष सुनील कुमार वाल्मीकि ने की, जबकि संचालन पार्टी के केंद्रीय महासचिव एड. नारायण राम ने किया। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने कहा कि आज भी समाज में जन्म आधारित भेदभाव खत्म नहीं हो पाया है, जो हमारी सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था की विफलता है। उन्होंने व्यापक जनआंदोलन की आवश्यकता पर बल दिया।
वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा दौर में सरकारें अंबेडकर की विचारधारा को दरकिनार कर रही हैं और सामाजिक असमानता, जातीय भेदभाव, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न तथा आर्थिक विषमता को बढ़ावा दे रही हैं। प्राकृतिक संसाधनों की लूट और बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि देश को बांटने की कोशिशें तेज हो रही हैं, जिसके खिलाफ एकजुट संघर्ष जरूरी है।
वक्ताओं ने अंबेडकर को एक विचारधारा बताया जो समता आधारित समाज निर्माण की प्रेरणा देती है। उन्होंने अंबेडकर, ज्योतिबा फुले और राहुल सांकृत्यायन के साहित्य को शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की।
संगोष्ठी में एड. रमाशंकर नैलवाल, एड. जीवन चंद्र, ममता जोशी, किरन आर्या, हीरा देवी, भगवती प्रसाद त्रिकोटी, शिवराज सिंह, मोहम्मद वसीम, दीपांशु पांडे सहित कई लोगों ने भाग लिया।
