खुद को कसूरवार मानने को राजी नहीं पिता, चाचा ने दोनों शवों को किया सुपुर्द-ए-खाक
काशीपुर। जिन्न से मुक्ति दिलाने के लिए हैवान बने बाप ने अपनी दो बेटियों के बदन न सिर्फ जगह-जगह से दागे, बल्कि कई दिनों तक उन्हें बंधक बनाकर भूखा-प्यासा रखा। उन्हें बेरहमी से डंडों से पीटता रहा। लगातार प्रताड़ना से दोनों बेदम हो गईं और उन्होंने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पिता अली हसन के जुल्म की दास्तां खोल दी है।
पूर्व पार्षद अब्दुल कादिर की सूचना पर पुलिस ने शनिवार को लक्ष्मीपुर पट्टी की खालिक कॉलोनी में अली हसन उर्फ सूरज के मकान से फरीन (19) और उसकी छोटी बहन यासमीन (11) के शव बरामद किए थे। इनमें से यासमीन का शव चार दिन पुराना बताया गया था। जिस क्रूरतापूर्ण ढंग से दोनों बहनों की हत्या की गई है, उसे सुनकर किसी का भी कलेजा कांप जाए। पंचनामे में उनके शवों पर जगह-जगह डंडे की पिटाई के निशान पाए गए। दोनों बटियों के बदन को जगह-जगह से दागा गया था। लगातार कई दिनों तक भूखा-प्यासा रहने के कारण वे कुपोषण का शिकार हो गईं। शरीर ने उनका साथ छोड़ दिया और उनमें लगातार मिल रही प्रताड़ना का विरोध करने की भी हिम्मत बाकी नहीं रही। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दागने और मारपीट की पुष्टि हुई है।
पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद दोनों बहनों के शवों को लक्ष्मीपुर पट्टी में रहने वाले उसके चाचा मेहंदी हसन उर्फ मिंटू के सुपुर्द कर दिए थे। बस्ती के लोगों की मदद से चाचा ने दोनों शवों को दफन कर दिया
पूछताछ में आरोपी पिता अली हसन उर्फ सूरज ने बच्चियों को दी गई यातनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि उसने 23 नवबंर को अपने घर में चिरागी भी की और मुर्गे का उतारा भी किया। वह अब भी अपनी बेटियों की निर्मम हत्या के लिए खुद को कसूरवार मानने के लिए राजी नहीं है। वह एक ही रट लगाए हुए है कि हवा ने उसकी दोनों बेटियों को मार डाला। उसने जिन्नात को भगाने के लिए बेटियों से मारपीट की थी। उसका इरादा बेटियों को मारने का नहीं था।
जिन्न से मुक्ति दिलाने के बहाने हैवान बाप ने दोनों बेटियों का बदन दागा, भूखा-प्यासा रखकर मार डाला
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