हल्द्वानी। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के लेक्चर भवन में टीबी और सांस रोग विभाग व कम्युनिटी मेडिसन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से टीबी रोग पर कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें डॉक्टरों ने टीबी के उपचार में रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया।
राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत आयोजित कार्यशाला पर पल्मोनरी क्रिटिकल केयरर एलर्जी स्लीप मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार ने संबोधित कर कहा कि देश में 22 प्रतिशत आबादी टीबी से ग्रस्त है। पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू कश्मीर में टीबी रोगियों की संख्या काफी अधिक है। उन्होने कहा कि टीबी संक्रमण के बाद करीब 10 प्रतिशत रोगियों में दोबारा यह संक्रमण हो रहा है। एचआईवी, मधुमेह से पीड़ित और धूम्रपान करने वालों में टीबी होने की संभावना ज्यादा होती है, सरकार का लक्ष्य साल 2025 तक देश में टीबी उन्मूलन करना है। उन्होंने बताया कि टीबी के रोगी को अपना पूरा उपचार कराना चाहिए।
कार्यशाला में प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी, एमएस डॉ. जीएस तितियाल, डॉ. राम गोपाल नौटियाल, डॉ. साधना अवस्थी, डॉ. उमेश, डॉ. परमजीज सिंह, डॉ. हरप्रीत सिंह, डॉ. मोहन तिवारी आदि थे।