बरेली। उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर निवासी प्रेमी युगल ने परिवार की नाराजगी के बावजूद बरेली में एक मंदिर में सात फेरे लेकर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की। युवती अलीजा ने पहले हिंदू धर्म अपनाया और मनीषा बनकर अपने प्रेमी राजेंद्र के साथ विवाह किया। उनका कहना है कि अलग-अलग धर्मों से होने के कारण उनके परिवार वाले शादी के खिलाफ थे और उनकी जान के दुश्मन बन गए थे।
पांच साल से थे रिश्ते में
अगस्त्य मुनि आश्रम के पुजारी केके शंखधार ने बताया कि ऊधमसिंह नगर के गांव लालपुर निवासी राजेंद्र (24) और अलीजा (20) उनके पास पहुंचे थे। दोनों ने बताया कि वे एक ही गांव में पले-बढ़े और पांच साल से एक-दूसरे के संपर्क में थे। पहले दोस्ती हुई और फिर यह रिश्ता प्यार में बदल गया। लेकिन अलग-अलग धर्म होने के कारण परिवारवालों ने उनके रिश्ते को कभी स्वीकार नहीं किया।
परिवार की प्रताड़ना, हत्या की कोशिश
अलीजा ने बताया कि राजेंद्र से बात करने पर उसके परिवार वालों ने कई बार उसकी पिटाई की। इतना ही नहीं, जान से मारने तक की कोशिश की गई। जब स्थिति असहनीय हो गई, तो उसने राजेंद्र के साथ घर छोड़ने का फैसला कर लिया। इसके बाद दोनों बरेली पहुंचे और अगस्त्य मुनि आश्रम के पुजारी से मिले।
धर्म परिवर्तन के बाद लिए सात फेरे
अलीजा ने आश्रम में हिंदू धर्म अपनाया और अपना नाम मनीषा रखा। इसके बाद विधिवत रूप से मंदिर में शादी कर ली। उसने बताया कि राधारानी के प्रति उसकी आस्था है और अब वह उनकी पूजा करेगी। राजेंद्र से विवाह कर वह बेहद खुश है और अब नई जिंदगी की शुरुआत कर चुकी है।
दिल्ली की रहीमा बनी रिद्धि, प्रेमी दीपक संग लिए फेरे
ऐसा ही एक मामला दिल्ली से सामने आया है, जहां सीलमपुर निवासी रहीमा ने भी मजहबी दीवारों को तोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया और रिद्धि बनकर बरेली में अपने प्रेमी दीपक से शादी की। बहेड़ी के गांव चुरेली निवासी दीपक और रहीमा की मुलाकात दिल्ली की एक सिलाई फैक्टरी में हुई थी। दो साल में उनके बीच प्यार परवान चढ़ा और उन्होंने शादी का फैसला किया।
रिद्धि ने बताया कि उन्होंने अपनी मर्जी से दीपक से विवाह किया है और अब अपने परिवार से जान का खतरा महसूस कर रही हैं।
प्रेम के आगे झुकी मजहबी दीवारें
दोनों मामलों में प्रेमी युगलों ने समाज और परिवार के विरोध के बावजूद अपने रिश्ते को कायम रखा और अंततः शादी कर ली। उनके लिए धर्म कोई बाधा नहीं बना और उन्होंने अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ जीवन बिताने का फैसला किया। हालांकि, परिवारों की नाराजगी और संभावित खतरों को देखते हुए उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं।
