अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़
जागेश्वर धाम में महाशिवरात्रि की तैयारियां जोरों पर, भक्तों की उमड़ने की उम्मीद
अल्मोड़ा। सुप्रसिद्ध जागेश्वर धाम में इस बार भी महाशिवरात्रि पर रिकॉर्ड संख्या में भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है। शिवरात्रि पर तीन पहर की पूजा होगी। मध्य रात्रि भोले बाबा को महाभोग लगा 1008 नामों से रुद्राभिषेक और पूजन होगा। निसंतान महिलाएं हाथ में दीपक लेकर संतान प्राप्ति को रात भर एक ही मुद्रा में खड़े रहकर तपस्या करेंगी।
जागेश्वर धाम का महत्व
विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम अपार आस्था का केंद्र है। मुख्य पुरोहित पंडित हेमन्त भट्ट के मुताबिक स्कन्द पुराण मानस खंड व शिव पुराण के अनुसार सबसे पहले शिवलिंग का पूजन जागेश्वर धाम से ही शुरू हुआ था। यहां भगवान शिव जागृत रूप में विद्यमान हैं। जागेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में श्लोक के अनुसार आठवें स्थान पर है। धाम भगवान शिव और अन्य देवी देवताओं को समर्पित है। इनमें योगेश्वर ज्योतिलिंग (जागेश्वर), महामृत्युंजय, केदारेश्वर, नव दुर्गा, सूर्य, नवग्रह, लकुलीश, बालेश्वर, पुष्टिदेवी, कुवेर और कालिका देवी आदि प्रमुख हैं।
महाशिवरात्रि की विशेष पूजा
महाशिवरात्रि के अवसर पर जागेश्वर धाम में विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है। इस दिन भगवान शिव को विशेष रूप से सजाया जाता है और उन्हें विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं। मध्य रात्रि में 1008 नामों से रुद्राभिषेक और पूजन किया जाता है। इस पूजा में भाग लेने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होता है।
निसंतान महिलाओं की तपस्या
महाशिवरात्रि के दिन निसंतान महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए विशेष तपस्या करती हैं। वे रात भर हाथ में दीपक लेकर एक ही मुद्रा में खड़ी रहकर भगवान शिव की आराधना करती हैं। इस तपस्या को बहुत ही फलदायी माना जाता है।
भक्तों की उमड़ने की उम्मीद
इस बार भी महाशिवरात्रि पर जागेश्वर धाम में रिकॉर्ड संख्या में भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं।
