उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों की खरीद पर पंजीकरण शुल्क माफ, कैबिनेट ने 12 अहम प्रस्तावों को दी मंजूरी
देहरादून। उत्तराखंड में अब इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कार की खरीद और रजिस्ट्रेशन पर बड़ा फायदा मिलने वाला है। राज्य सरकार ने ऐसे वाहनों की खरीद पर पंजीकरण शुल्क माफ करने का फैसला लिया है। यह निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया। बैठक के बाद सचिव गोपन शैलेश बगौली ने मीडिया को जानकारी दी।
सचिव बगौली ने बताया कि कैबिनेट ने कुल 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसमें सबसे अहम फैसला इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के पंजीकरण शुल्क को लेकर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम पर्यावरण संरक्षण के साथ ही राज्य के राजस्व को ध्यान में रखकर उठाया गया है। अभी तक उत्तराखंड में पंजीकरण शुल्क माफ नहीं होने के कारण राज्य के लोग पड़ोसी राज्यों से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन खरीदते थे और वहीं पंजीकरण कराते थे। इससे उत्तराखंड को जीएसटी में 28 से 43 प्रतिशत तक का नुकसान हो रहा था। अब पंजीकरण शुल्क माफ होने से यह नुकसान रुकेगा और राज्य को राजस्व मिलेगा।
अन्य अहम फैसले
कैबिनेट ने अन्य कई अहम प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई। अब से जिन विभागों में कर्मचारियों के लिए वर्दी तय है, वहां भर्ती की प्रक्रिया के लिए संयुक्त परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत नियुक्त कर्मचारियों को पूर्व सेवा अवधि का लाभ ग्रेच्युटी के रूप में मिलेगा। इससे कर्मचारियों को बेहतर भविष्य सुरक्षित होगा।
बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान
कैबिनेट ने बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत कार्यों को भी मंजूरी दी है। यह योजना धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए अहम मानी जा रही है।
वन टाइम सेटलमेंट और आश्रितों को नौकरी
वन टाइम सेटलमेंट के तहत पर्यावरण मित्रों की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को नौकरी देने का भी प्रावधान किया गया है।
विभागीय सुधार
विधि विज्ञान प्रयोगशाला विभाग में विभागाध्यक्ष का पद सृजित करने की मंजूरी दी गई है। मानवाधिकार आयोग के मौजूदा ढांचे का पुनर्गठन होगा, जिससे इसके कामकाज को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
नई नीतियां
कैबिनेट ने उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति को मंजूरी दी है, जिससे राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों और पर्यावरण अनुकूल यातायात को बढ़ावा मिलेगा। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के ढांचे को भी विस्तार दिया गया है।
इन तमाम फैसलों से राज्य में पर्यावरण संरक्षण, रोजगार और प्रशासनिक सुधारों को गति मिलने की उम्मीद है।
