रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने से जुड़े मामले में शीर्ष अदालत ने कहा, अगली सुनवाई तक पारित अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा
हल्द्वानी। सर्वोच्च न्यायालय हल्द्वानी के वनभूलपुरा में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने से जुड़े मामले की अगली सुनवाई अब जुलाई के पहले सप्ताह में करेगी। न्यायालय ने कहा कि अगली सुनवाई होने तक मामले में पारित अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। जस्टिस संजय किशन कौल की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष मामले से जुड़े एक पक्ष की ओर से सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया गया। अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने विरोध किया। भूषण ने कहा कि वे हर बार स्थगन मांगते हैं। लॉर्डशिप सुनवाई के लिए तारीख तय कर सकते हैं। उन्होंने पीठ से कहा कि मामले का जुलाई में निस्तारण के लिए सूचिबद्ध की जा सकती है। इसके बाद शीर्ष न्यायालय ने कहा कि हाईकोर्ट ने जो किया, वह सही नहीं था, इसलिए हमने आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद पीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में की जाएगी।
सर्वोच्च न्यायालय में उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा रेलवे के भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही है। हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए पिछली सुनवाई पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि रातों रात 50 हजार लोगों को हटाया नहीं है। कब्जाधारियों ने दावा किया है कि वे जमीन के असली मालिक हैं।