उत्तराखंड पुलिस

एसटीएफ ने 32 लाख की साइबर धोखाधडी करने वाले गिरोह के सरगना को हरिद्वार से दबोचा

देहरादून। साइबर अपराधियों द्वारा पीआईएमसीओ कैपिटल और कोटक सिक्योरिटीज के कर्मचारियों के रूप में खुद को पेश कर शेयर मार्केट / स्टॉक ट्रेडिंग की फर्जी वैबसाईट बनाकर निवेश के नाम पर पूरे देश भर में की जाती थी ठगी।
माह जून 2024 में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें  अज्ञात साइबर फ्रॉड्स द्वारा शिकायतकर्ता को विश्वास में लेकर PIMCO Capital और Kotak द्वारा सह-स्थापित एक स्टॉक पुल अप समूह बताकर “E19 PIMCO stocks pull up group” नामक वट्सएप ग्रुप में जोडा गया जहाँ स्वंय को PIMCO Capital व Kotak के कर्मचारी बताकर लिंक के माध्यम से शिकायतकर्ता को “20 कोटक सिक्योरिटीज कस्टमर केयर” आदि अन्य विभिन्न ग्रुप में जोडा गया व शेयर मार्केट/स्टॉक ट्रेडिंग हेतु लिंक के माध्यम से Kotakss.Pro नामक इंस्टीट्यूशनल अकाउंट ऐप डाउनलोड करवाया गया व विभिन्न कम्पनियों के शेयर व IPO में निवेश कर अधिक लाभ कमाने के नाम पर भिन्न भिन्न लेन देन के माध्यम से कुल 31,98,742/- रुपये की धोखाधडी को अंजाम दिया गया। इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 43/2024 धारा 420,120-बी भादवि व 66(डी) आई.टी. एक्ट बनाम अज्ञात अभियोग पंजीकृत किया गया।
इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये अनावरण हेतु साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक श्री विजय भारती के सुपुर्द की गयी। अभियोग में पुलिस टीम द्वारा विवेचना / साक्ष्य संलकन तथा तकनीकी विश्लेषण के आधार पर फरिदाबाद हरियाणा निवासी 31 वर्षीय 01 अभियुक्त को जमालपुर रोड योगी आश्रम के सामने कनखल हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया, जिसके कब्जे से एक मोबाईल हैण्डसेट जिसमें 02 सिमकार्ड जिनमें से एक सिमकार्ड उक्त धोखाधडी में प्रयुक्त बैंक खाते का एसएमएस अलर्ट नम्बर है बरामद हुआ।
कुल बरामदगी
01 मोबाईल हैण्डसेट मय 02 सिम कार्ड व एसडी कार्ड 32जीबी
अपराध का तरीकाः-अभियुक्त द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर कम्पनियों की फर्जी वैबसाईट तैयार कर स्वंय को विभिन्न शेयर मार्केट / स्टॉक ट्रेडिंग कम्पनी के अधिकारी / कर्मचारी बताते हुए आम जनता की गाढ़ी कमाई को हड़पने हेतु व्हाट्सएप कॉल व मैसेज कर स्टॉक ट्रेडिंग / शेयर मार्केट में निवेश की जानकारी देकर लाभ कमाने का प्रलोभन दिया जाता है व उन्हें विश्वास में लेकर विभिन्न फर्जी व्हाट्सएप / टेलाग्राम ग्रुप में जोड़कर लिंक के माध्यम से विभिन्न फर्जी App डाउनलोड कराकर इन्वेस्टमेण्ट के नाम पर धोखाधडी की जाती है तथा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातो में प्राप्त कर उक्त धनराशि का प्रयोग करते हैं । 
गिरोह अलग-अलग फेसबुक पेजों, ग्रुपों से करंट अकाउंट सेविंग अकाउंट मांगेगा, जिन्हें व्हाट्सएप नंबरों पर रीडायरेक्ट किया जाएगा। अपने खाते बेचने के इच्छुक लोग खाते का विवरण, एसएमएस अलर्ट आदि किट देंगे जो भौतिक रूप से वितरित किए जाएंगे। विभिन्न शहरों से ऐसे बैंक खातों को इकट्ठा करने के लिए रैपिडो, ओला, उबर की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा। अपराधी ने एक ओटीपी शेयरिंग ऐप (HHSMSApp) का इस्तेमाल किया जहां बैंक ओटीपी गिरोह के अन्य सदस्यों को ऑनलाइन भेजा जाएगा।
HHSMSApp (HHPay) क्या है?
यह बैंक ओटीपी ऑनलाइन साझा करने के लिए एक ऐप है। ऐसे ऐप्स में बैंक एसएमएस अलर्ट नंबर इनपुट किए जाते हैं और बैंक ओटीपी गिरोह के अन्य सदस्यों तक ऑनलाइन पहुंचा दिया जाएगा। गूगल प्लेस्टोर और एंड्रॉइड फोन दोनों ही ऐसे ऐप्स को ब्लॉक कर देते हैं। इसलिए अपराधी उन्हें व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से एपीके फाइलों के रूप में साझा करते हैं। एपीके फ़ाइलें (एंड्रॉइड पैकेज किट) इंस्टॉलेशन फ़ाइल है जिसे सोशल मीडिया मैसेंजर के माध्यम से प्रसारित किया जाता है जहां एपीके फ़ाइल लिंक साझा किया जाता है। लिंक पर क्लिक करते ही फोन ऐप सामान्य ऐप की तरह ही इंस्टॉल हो जाता है।
गिरफ्तार आरोपी के बैंक खाते में 71 लाख की संदिग्ध रकम आई है| गिरफ्तार आरोपी ने यह भी कबूल किया कि वह व्हाट्सएप के माध्यम से खाली चेक फोटो, बैंक खातों के क्यूआर कोड और डेबिट कार्ड के फ्रंट/बैक पेज को गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ साझा करता था।
गिरफ्तार व्यक्ति ने 12 अलग-अलग राज्यों की 19 और शिकायतों में धोखाधड़ी की है जिनकी जानकारी अन्य राज्य पुलिस द्वारा साझा की जा रही है। राज्यों में हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान शामिल हैं।
*पुलिस टीमः-*
1-निरीक्षक विजय भारती
2-उ0नि0 हिम्मत सिंह
3- एएसआई मनोज बेनीवाल
4-कानि0 नीरज नेगी
5-कानि0 योगेश्वर प्रसाद कान्ती
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री आयुष अग्रवाल द्वारा जनता से अपील की है कि ऑनलाईन जॉब अथवा इन्वेस्टमेण्ट/ट्रेडिंग हेतु किसी भी फर्जी वेबसाईट, मोबाईल नम्बर, लिंक आदि का प्रयोग ना करें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु आवेदन करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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