लोलार्क कुण्ड की महिमा अद्भुत,
बना दे सबके काम बनारस।
मरें यहां जो सद्गति मिलती,
‘सत्य राम का नाम’ बनारस।
पापनाशिनी मां गंगा,
बहतीं आकर अविराम बनारस।
बाबा विश्वनाथ की नगरी,
धन्य है पावन धाम बनारस।
स्वाद,संस्कृति और सद्गति का
है पावन संगम अविनाशी,
रोम रोम में यहां हैं बसते
शिव शंकर कैलाश निवासी,
यदि श्रद्धा से शीश झुके तो
कट जाती है यम की फांसी,
गंग-तरंग में झूम-झूमकर,
बोल रहा है बम-बम काशी।
देवेश द्विवेदी ‘देवेश’