देहरादून। चिल्हाड़ गांव के पास गुलदार की दस्तक से ग्रामीणों में दहशत है। सबसे ज्यादा खतरा पैदल रास्ते से आने-जाने वाले स्कूली बच्चों व पशुपालकों को जंगल से चारापत्ती लाने पर है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर वन विभाग ने समय रहते सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए तो कोई अनहोनी हो सकती है।चकराता वन प्रभाग से जुड़े बावर रेंज के दारागाड़-कंडोला में गुलदार की सक्रियता देखी गई।
ग्रामीणों ने कहा कि मसूरी-चकराता-त्यूणी से जुड़े चिल्हाड़-बाणाधार मार्ग पर चिल्हाड़ गांव के पास पिछले तीन दिन में कई बार गुलदार देखा गया। जिससे चिल्हाड़ व बाणाधार पंचायत के लोग दहशत में हैं।
क्षेत्र पंचायत सदस्य गीतांजलि बिजल्वाण, प्रधान नवप्रभात, पिताबंर दत्त बिजल्वाण, सादीराम व अर्जुन देव आदि ने कहा आबादी क्षेत्र के नजदीक जिस जगह गुलदार को देखा गया, वहां पैदल रास्ते से कई बच्चे राइंका चिल्हाड़ व प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने के लिए आते-जाते हैं।
गुलदार की दस्तक से स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा है। गुलदार के डर से ग्रामीण पशुओं को पास के जंगल में चरान-चुगान के लिए नहीं ले जा सकते और न ही जंगल से चारापत्ती ला पा रहे हैं। ग्रामीणों ने किसी अनहोनी की आशंका के चलते वन विभाग अधिकारियों से मामले में जल्द सुरक्षात्मक कदम उठाने का आग्रह किया है।
वहीं, इस संबंध में रेंज अधिकारी बावर महेश शर्मा ने बताया कि चिल्हाड़ गांव के पास गुलदार को देखे जाने से वन विभाग की टीम अलर्ट हो गई। वन विभाग की टीम आबादी क्षेत्र के नजदीक सुबह-शाम दोनों समय गश्त कर रही है। पटाखे जलाकर गुलदार को आबादी से दूर भगाने का प्रयास किया जा रहा है।
मसूरी-चकराता के चिल्हाड़ गांव में गुलदार की दहशत, पटाखे जलाकर आवाजाही कर रहे स्कूली बच्चे
By
Posted on